शिवसेना उद्धव गुट के इस कदम से कांग्रेस के साथ ही एनसीपी (शरद पवार) भी नाराज हो गई है। इस बीच, एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने सहयोगी दलों द्वारा गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने की बात कही है। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के रुख पर नाराजगी जताई है।
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शरद पवार ने बुधवार को अपनी पार्टी के संसदीय बोर्ड की अहम बैठक बुलाई थी। खबर है कि इस आंतरिक बैठक में पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि एमवीए के सहयोगी दल गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं। एमवीए के तीनों दलों को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक साथ उम्मीदवारों की घोषणा करनी चाहिए थी। लेकिन कांग्रेस और शिवसेना ने अपने-अपने प्रत्याशियों की लिस्ट अलग-अलग जारी कर दी। वह भी तब जब सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा चल रही थी। महाविकास अघाड़ी में मुख्य रूप से सांगली और मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा सीटों को लेकर रस्साकशी चल रही है। तीनों दलों के नेता लगातार कह रहे थे कि इन सीटों को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इसी बीच आज (27 मार्च) उद्धव गुट ने लोकसभा उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा कर दी। इसमें सांगली और मुंबई दक्षिण मध्य सीट भी शामिल है। इसका कांग्रेस खुलकर विरोध कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एमवीए वार्ता समिति के सदस्य बालासाहेब थोराट ने कहा कि उद्धव गुट को मुंबई दक्षिण मध्य, भिवंडी और सांगली आदि जगहों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं करनी चाहिए थी। क्योंकि उन सीटों पर अभी भी चर्चा चल रही थी।
इससे पहले, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने उद्धव ठाकरे द्वारा सांगली सीट के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवार की एकतरफा घोषणा पर निराशा व्यक्त की थी। इस सीट पर परंपरागत रूप से कांग्रेस चुनाव लड़ती है।