
shiv sena
मुंबई शिवसेना ने नौकरियों को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना ने मुख पत्र सामना में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सत्ता में आने से पहले रोजगार को लेकर बड़े-बड़े वायदे किए थे लेकिन ये खोखले निकले। इसके विपरीत नोटबंदी तथा जीएसटी जैसे नए कानूनों से भी आम जनता को कोई लाभ नहीं मिला। इससे उनके पास जो रोजगार थे, वह भी छिन गए।
शिवसेना ने कहा कि चार वर्षों में 4 करोड़ रोजगार का निर्माण होना था, लेकिन आज देश भर में तीन करोड़ युवा बेरोजगार हैं और 24 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। शिवसेना ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा योजना के लिए सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में एक लाख आयुष्मान मित्रों की भर्ती होनी है। अब देखना यह है कि इसका परिणाम भी कहीं रोजगार के दावों की तरह ही खोखले साबित न हों।
इधर नौकरियों को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार को आडे हाथ लिया है वहीं महाराष्ट्र में राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण की मांग के चलते 72 हजार नौकरियों की भर्ती को रोक दिया है। दरअसल सरकार ने मराठाओं की उस मांग को मान लिया है जिनमे उन्होंने कहा था कि जब तक मराठा आरक्षण पर फैसला नहीं हो जाता तब तक कोई भी भर्ती प्रक्रिया न हो। सीएम ने मराठा समुदाय से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि आरक्षण के मुद्ये को नवंबर तक सुलझा लिया जाएगा। बता दें कि राज्य में मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर बीते दिनो उग्र प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन की आग से पूरा राज्य झूलस गया था और अभी भी मराठा समुदाय अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। अब तक किए गए प्रदर्शन में छ लोगों ने आरक्षण की मांग के चलते आत्महत्या कर ली। आरक्षण की इस समस्या का समाधान करना सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है।
Published on:
07 Aug 2018 05:12 pm
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