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शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर 31 दिसंबर तक फैसला आना मुश्किल! संजय राउत का फूटा गुस्सा

Maharashtra Politics: स्पीकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता याचिका पर सुनवाई पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 15, 2023

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राहुल नार्वेकर

Shiv Sena Disqualification Case: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आने में देरी होने की संभावना है। दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से और वक्त मांगा है।

शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले की स्पीकर नार्वेकर सुनवाई कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने में देरी पर नाराजगी जताई थी। साथ ही नार्वेकर को इस मामले को निपटाने के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन दी। हालाँकि, अब समय पर सुनवाई पूरी नहीं होने की बात कहते हुए नार्वेकर ने शीर्ष कोर्ट का रुख किया है और तीन हफ्ते की मोहलत मांगी है। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे अयोग्य घोषित हुए तो...? फडणवीस ने बताया अगला प्लान

उन्होंने दलील दी है कि इस मामले में 2 लाख 71 हजार से अधिक पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए हैं। विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। ऐसे में विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के लिए उन्हें और तीन सप्ताह की आवश्यकता पड़ेगी। इसे लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने नार्वेकर की आलोचना की है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने स्पीकर राहुल नार्वेकर पर तीखा हमला बोला है।

संजय राउत ने कहा, नार्वेकर डमरू बजाने का खेल खेल रहे हैं। मैं पहले भी कह चुका हूं कि स्पीकर की कुर्सी पर बैठे नार्वेकर अब तक पांच बार पार्टी बदल चुके हैं। जो व्यक्ति विधायक अयोग्यता मामले में हमारा न्याय करने जा रहा है, वह पांच बार दलबदल कर चुका है। इस राज्य में ऐसी कोई पार्टी नहीं है जिसमें वह शामिल नहीं हुए हों। उनकी कौन सी विचारधारा है? भूमिका क्या है? क्या हम उनसे नैतिकता, कानून और अनुशासन सीखेंगे? उनका दिल्ली के आदेश पर कामकाज चलता है।

इस बीच, बुधवार को विधायक अयोग्यता मामले में जिरह के दौरान शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार पार्टी का संविधान बनाया था। लेकिन, उसके बाद इसका पालन नहीं किया गया।

बता दें कि इसी साल 30 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को फटकार लगाई थी और 31 दिसंबर की डेडलाइन तय की थी। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि मामले को अगले चुनाव तक लटका नहीं सकते है। स्पीकर सुनवाई नहीं कर सकते तो कोर्ट करेगी। दल बदल कानून का उल्लंघन करने के आरोप में दोनों गुटों ने स्पीकर के पास विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका दायर की है।