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Maharashtra: सुप्रीम कोर्ट से शिंदे सरकार को राहत, विधान परिषद के 12 विधायकों की नियुक्ति का रास्ता साफ

Maharashtra MLC: पिछले साल सितंबर महीने में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल कोटे के तहत एमएलसी के रूप में 12 लोगों को मनोनीत करने संबंधी तत्कालीन एमवीए सरकार की सिफारिश वापस ले ली थी।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jul 11, 2023

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

Supreme Court Decision on Maharashtra MLC: महाराष्ट्र में सियासी उठापठक के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत सरकार के लिए अच्छी खबर है। महाविकास अघाडी (MVA) सरकार के समय से ही चर्चा का विषय रहे 12 विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। जिससे 12 रिक्त एमएलसी पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले विधान परिषद के विधायकों को लेकर दायर याचिका को वापस लेने की इजाजत दे दी है। जिससे अब शिंदे सरकार विधान परिषद में 12 लोगों को एमएलसी यानी विधान परिषद सदस्य बना सकेगी।

महाराष्ट्र विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा कुछ लोगों को एमएलसी मनोनीत किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा भेजी गई नामों की सिफारिश पर राज्यपाल निर्णय लेते हैं और उन्हें विधान परिषद सदस्य के लिए अनुमोदित करते हैं। कला, साहित्य, सामाजिक कार्य आदि के क्षेत्र के लोग एमएलसी के रूप में मनोनीत होने के पात्र हैं। यह भी पढ़े-उद्धव ठाकरे ने EC के पॉवर पर उठाए सवाल, कहा- दादा ने दिया था शिवसेना नाम, कोई हड़प नहीं सकता

एमएलसी के रिक्त पदों को भरने के लिए शिंदे सरकार को तेजी से कदम बढ़ाना होगा। 12 विधायकों की सिफारिश का पत्र राज्यपाल को भेजकर उनकी मंजूरी लेनी होगी। क्योंकि, विधायकों की नियुक्ति के विरोध में नई याचिका दाखिल होने पर नियुक्ति फिर से अटक सकती है।

बता दें कि पिछले साल सितंबर महीने में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल कोटे के तहत एमएलसी के रूप में 12 लोगों को मनोनीत करने संबंधी तत्कालीन एमवीए सरकार की सिफारिश वापस ले ली थी। इसके बाद नए नामों की लिस्ट राज्यपाल के पास भेजी गई।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने जून 2020 में एमएलसी के रूप में मनोनीत करने के लिए 12 लोगों के नामों की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इसे मंजूरी नहीं दी। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच शीत युद्ध भी छिड़ गया था। हालांकि एमवीए सरकार के सत्ता से जाने तक 12 विधायकों की नियुक्ति का मसला सुलझ नहीं सका था। बाद में याचिका दायर होने पर सितंबर 2022 में कोर्ट ने 12 एमएलसी की नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी।


क्या है पूरा मामला?

महाविकास अघाडी सरकार के दौरान एमएलसी बनाने के लिए 12 नामों की सूची राज्यपाल को भेजी गई थी. हालांकि, राज्यपाल द्वारा इस पर कोई निर्णय नहीं लेने पर नासिक के सामाजिक कार्यकर्ता रतन सोली (Ratan Soli Luth) ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्यपाल को जल्द एमएलसी नियुक्त करने का आदेश देने की मांग की। लेकिन तब कोर्ट ने कहा था कि वह इस संबंध में राज्यपाल को आदेश नहीं दे सकते है।

इसके बाद सोली ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इस बीच एमवीए गिर गई। फिर शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आई और नये लोगों की सूची राज्यपाल को दी। इसके बाद याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से अपनी याचिका वापस लेने का अनुरोध किया।

इसी पृष्ठभूमि में कोल्हापुर से उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में सहभागी याचिका दायर की। अब जब कोर्ट ने रतन सोली को याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी है। ऐसे में अगर सुनील मोदी आज नई याचिका दायर करते हैं, तो 12 विधायकों की नियुक्ति पर रोक लगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।