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उद्धव ठाकरे के हाथ से निकला ‘गढ़’… एक दिग्गज आया तो दूसरे ने कहा अलविदा, टूट रहा UBT का सपना

Maharashtra Politics : उद्धव ठाकरे ने कहा, कोंकण पर हम फिर काबिज होंगे। लोगों को एक बार मूर्ख बनाया जा सकता है, हर बार नहीं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Apr 10, 2025

Uddhav Thackeray Shiv Sena

उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे

Uddhav Thackeray Shiv Sena : महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। पार्टी के कई नेता और पदाधिकारी सत्ताधारी दलों की ओर रुख कर रहे हैं। हाल ही में तटीय क्षेत्र के रायगढ़ जिले में स्नेहल जगताप ने उद्धव गुट को अलविदा कह दिया और एनसीपी (अजित पवार) में शामिल हो गईं। इसके बाद, अब रोहा तालुका प्रमुख समीर शेडगे (Sameer Shedge) ने भी शिवसेना (UBT) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, समीर शेडगे आगामी 13 अप्रैल को एनसीपी अजित पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होंगे। यह शिवसेना (UBT) के लिए रायगढ़ जिले में दूसरा बड़ा झटका माना जा रहा है, जहां पहले ही पार्टी का जनाधार कमजोर हो चुका है।

कुछ दिन पहले ही कोंकण के रत्नागिरी जिले के कांग्रेस अध्यक्ष सहदेव पेटकर फिर से शिवसेना (UBT) में शामिल हो गए। तब शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र के तटीय कोंकण क्षेत्र में खोई जमीन वापस हासिल करेगी। पिछले साल हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उदध गुट को इस क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा था।

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एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा था कि केवल एक ही शिवसेना है और वह उनकी अगुवाई वाली है। उन्होंने कहा, हम कोंकण पर फिर काबिज होंगे। कोंकण के चुनाव नतीजे अप्रत्याशित थे। लोगों को एक बार मूर्ख बनाया जा सकता है, हर बार नहीं।

विपक्षी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक शिवसेना (UBT) ने पिछले साल महाराष्ट्र में 9 लोकसभा सीट जीती थीं, लेकिन तटीय रायगढ़ और रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्रों के अपने पुराने गढ़ों में हार गई। इन निर्वाचन क्षेत्रों में क्रमशः एनसीपी अजित पवार और बीजेपी ने बाजी मारी।

वहीँ, नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना (UBT) ने इस क्षेत्र में महज एक सीट गुहगर जीती थी। जबकि दक्षिण कोंकण में उसका करीब-करीब सफाया हो गया। जहां शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना मजबूती से उभरी। चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कोंकण क्षेत्र के कई नेताओं ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया, इसमें कद्दावर नेता राजन साल्वी भी थे। साल्वी अब शिंदे की शिवसेना में है।

अपने पुराने ‘गढ़’ पर फिर काबिज होने के लिए ठाकरे जल्द ही पूरे कोंकण क्षेत्र का दौरा करेंगे। महाराष्ट्र का कोंकण क्षेत्र मुंबई से लेकर दक्षिणी जिले सिंधुदुर्ग तक फैला हुआ है, जहां दशकों तक एकछत्र शिवसेना का दबदबा रहा है।

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