गंगा पार से चारा नाव में चारा लेकर आ रहे थे 27 लोग, अचानक हुआ ऐसा हादसा कि मच गई चीख-पुकार बता दें कि यह पूरा मामला थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव पुरबालियान का है। जहां 21 अगस्त को खेलने के दौरान बच्चों के झगड़े ने विकराल रूप ले लिया था। जहां मुस्लिम समुदाय के सैंकड़ो लोगों ने पाल समाज के घरों में घुसकर जमकर मारपीट कर दी थी। इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से 12 लोगों को नामजद करते हुए 15 से 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुए इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की थी। इसके बाद से आरोपी समुदाय लगातार पीड़ित पक्ष पर फैसले का दबाव बना रहा था। फैसला नह होते देख आरोपियों ने शुक्रवार को अपने नौकर की खुद पिटाई कर पीड़ित पक्ष पर पिटाई का आरोप लगा दिया और हंगामा शुरू कर दिया। यही नहीं आरोपियों ने पीड़ित पक्ष के घर में दोबारा घुसकर जमकर मारपीट और गाली-गलौज की। इसी बीच पुरानी घटना को लेकर हलका इंचार्ज दरोगा ओमप्रकाश दो सिपाहियों के साथ गांव में नक्शा नजीर बना रहे थे। आरोपियों ने पीड़ितों के साथ-साथ दरोगा के पुलिसकर्मियों के साथ भी मारपीट और धक्का-मुक्की की। इसके बाद थाना प्रभारी कई थानों की फोर्स को लेकर गांव में पहुंचे, लेकिन आरोपियों के हौसले फिर भी बुलंद रहे। जिसके बाद गांव में मजबूरी में पीएसी व भारी फोर्स तैनात की गई है। मामला दो समुदाय से जुड़ा होने की वजह से गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। सबसे अहम बात यह है कि अगर पुलिस ने 21 अगस्त को हुई घटना में ही कठोर कार्रवाई की होती तो आज गांव में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा न होती।
पिता ने बेटे के साथ की बेटी की गला दबाकर हत्या आैर शव जला दिया बिटौड़े में, फिर थाने जाकर बतायी यह बात हालांकि दोबारा हुई इस घटना के बाद एसपी सिटी ओमवीर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कठोर कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही है। आपको बता दें कि 7 सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलसा था और उसमें थाना मंसूरपुर क्षेत्र का गांव पुरबालियान के लोगों ने उस समय झगड़े को तूल देने का काम किया था। नंगला मंदौड़ पंचायत से वापस लौट रहे लोगों के साथ पथराव व मारपीट की गई थी।