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जाति लिखने पर हुआ जुर्माना तो आगबबूला हुआ चालक, बोला- ब्राह्मण ब्राह्मण नहीं लिखवाएगा तो क्या लिखवाएगा दरअसल, 22 दिसंबर को होटल ताज (Hotel Taj) में आयोजित इस स्मार्टफोन कंपनी के प्रमोशन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मंत्री कपिल देव अग्रवाल और नीलिमा कटियार के साथ साथ दो विधायक भी शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के फोटो राजधानी में विज्ञापन होर्डिंग पर लगे होने की वजह से मामला मीडिया की सुर्खियां बन गया। इस मामले को विपक्ष भी खूब भुनाने का प्रयास कर रहा है। इस मामले में मंत्री कपिल देव अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने अपने भाई ललित अग्रवाल को पूरी तरह से निर्दोष करार दिया है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने उन्हें कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया था। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के फोटो का मामला जैसे ही उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने संबंधित कंपनी को नोटिस भेजा। उन्होंने बताया कि कंपनी के सीईओ दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी ने उनसे लिखित में माफी मांगी है।
माफी मांगने के साथ ही हटाए होर्डिंग्स उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के फोटो लगाने से पहले अनुमति लेनी होती है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के फोटो कंपनी ने केवल इस मकसद से लगाए थे कि प्रदेश सरकार के मंत्री व विधायक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। जब उनके फोटो लगाए जा रहे हैं तो कहीं लोग नाराज न हो जाएं, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के फोटो भी लगा दिए। कंपनी ने माफी मांगने के साथ ही राजधानी मे लगे सभी होडिंग भी हटा लिए हैं। रही बात उनके भाई ललित अग्रवाल की तो कंपनी के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी ललित अग्रवाल को दी गई थी, लेकिन उन्होंने यह कहकर लखनऊ की कंपनी को यह जिम्मेदारी दिला दी कि लखनऊ में उनकी साइट नहीं है। इसलिए वह वहां काम नहीं कर सकते। उन्होंने अपने भाई ललित अग्रवाल को इस मामले में पूरी तरह से निर्दोष बताया है।
ये था पूरा मामला मंत्री कपिल देव अग्रवाल के भाई भारती एडवरटाइजिंग नाम की एक एजेंसी चलाते हैं। आरोप है कि उनकी एजेंसी ने लखनऊ समेत कई शहरों में इन ब्लॉक नाम के मोबाइल की लॉन्चिंग के होर्डिंग्स लगाए थे। होर्डिंग्स में पीएम मोदी और सीएम योगी की फोटो सरकार की बैगर अनुमति के लगाई गई थीं। फोन लॉन्चिंग के बाद कंपनी के विज्ञापन का काम मंत्री कपिल देव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल को दिया गया था। इसके लिए कंपनी करोड़ों रुपए का भुगतान किया था। मंत्री के भाई ललित अग्रवाल ने यूपी और उत्तराखंड में भरपूर प्रचार किया, लेकिन प्रचार के बाद भी मोबाइल बाजार में नहीं आया। इस मामले में मंत्री के भाई समेत पांच लोगों के विरूद्ध हजरतगंज थाने में कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।