
मुजफ़्फरनगर। जिले में वन्य जीव अभ्यारण्य सेंचुरी क्षेत्र में भू माफियाओं ने गंगा खादर में गोचर की हजारों बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है। इतना ही अंधेरा होते ही भूमाफिया वन्य जीवों का शिकार कर उनके अवशेषों की तस्करी में जुट जाते है। इसी की शिकायत पर बुधवार को उप जिलाधिकारी जानसठ के द्वारा वन विभाग, सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग की टीमों के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण किया। वहीं गोवंश पालक और ग्रामीणों ने इस संबंध में अधिकारियों पर खानापूर्ति करने का आरोप लगाया।
मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ, बिहारगढ़ गंगा खादर के नीला जलालपुर बेहड़ा, अखाखेड़ी, नवलपुर , धारीवाला, रंजीतपुर, शिवपुरी, ब्रहमपुरी आदि खैराबाद गांव के रकबा तहसील जानसठ के अंतर्गत आता है। वही जिला बिजनौर के गांव रावली नूरोलपुर आदि गांव का रकबा बिजनौर तहसील में आता है। इस पर सैंकड़ों वर्षो से दोनों जिलों के गो पालक अपनी हजारों गोवंश को वन्य जीव अभ्यारण्य क्षेत्र के जंगल में चराते चले आ रहे हैं। परमधाम अनुयायियों और गोवंश पालकों ने जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी जानसठ को गंगा खादर की भूमि पर आधा दर्जन ट्रैक्टर आदि से जुताई कर अवैध रूप से कब्जा किए जाने की शिकायत दी थी। जिलाधिकारी के आदेश पर उपजिलाधिकारी जानसठ के दिशा निर्देशन में वन विभाग एसडीओ बीएस मथुरिया, डेंजर सिंह, राज सिंह पुंडीर वन विभाग, सबी हैदर, सत्येंद्र कुमार, प्रवेश राजस्व विभाग और कानूगो रिशिपाल राठी से लेकर लेखपाल व सिंचाई विभाग टीम पहुंची।
जमीन का निरीक्षण कर दिया शुरू की जांच
उपजिलाधिकारी के आदेश पर पहुंची टीम ने गंगा खादर गोचर की भूमि का निरीक्षण किया। जिसमें भू माफियाओं के द्वारा जुताई गई हजारों बीघा जमीनसे अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वही निरीक्षण करने पहुंची जिला बिजनौर और मुजफ्फरनगर की टीमों के बीच सीमा विवाद बना रहा। वही लोगों का दावा है कि जांच करने गए वन विभाग राजस्व विभाग के अधिकारी मौके से खानापूर्ति करके वापस लौट गये। उधर मौके से तस्करी किए जाने वाले लाखों की कीमत के जानवरों के सींग व अन्य अवशेष मिले। जिन्हें बिना देखे ही टीम वापस लौट आई।
Updated on:
21 Nov 2019 01:36 pm
Published on:
21 Nov 2019 01:34 pm
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