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भारतीय किसान संगठन ने कहा- तीनों कृषि कानून वापस लेने की जिद न करें बॉर्डर पर बैठे किसान नेता

Highlights - भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने की महापंचायत - बॉर्डर पर बैठे किसान नेताओं पर भारतीय किसान संगठन ने उठाए सवाल - बोले- कुछ सरकार पीछे हटे और कुछ किसान, हो जाएगा समस्या का समाधान

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुजफ्फरनगर. तीन कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसानों में सरकार के खिलाफ बेहद गुस्सा देखने को मिल रहा है। दिल्ली के चारों ओर चाहे वह टिकरी बॉर्डर हो या सिंघु बॉर्डर हो या फिर गाजीपुर बॉर्डर पिछले 3 माह से किसान धरनारत हैं। इस बीच किसान संगठनों की केंद्र सरकार से 12 दौर की वार्ता हो चुकी है, मगर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। अनेक किसान संगठन सरकार के समर्थन में भी आए हैं, मगर उसका भी लाभ सरकार को नहीं हुआ है। मुजफ्फरनगर में एक और किसान संगठन सामने आया है, जो बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान नेताओं के क्रियाकलापों पर सवाल उठाता नजर आ रहा है। हालांकि यह संगठन अभी तक कृषि कानूनों को लेकर कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं कर पाया है।

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भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने थाना चरथावल क्षेत्र के गांव बाढ़ में एक महापंचायत का आयोजन किया है, जिसमें उन्होंने धरने पर बैठे 40 किसान संगठनों के नेताओं पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आखिर किसान कानून को खत्म करने की मांग पर क्यों डटे हैं। उन्हें सरकार से वार्ता करनी चाहिए, क्योंकि सरकार संशोधन के लिए खुद कह रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी हो और जो भी कानून में कमियां हों उन्हें दूर कर मामला खत्म करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी की गारंटी दे तो हम सरकार से वार्ता करने को तैयार हैं। तीन महीने बीत गए हैं, किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं, मगर कोई हल नहीं निकल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ सरकार पीछे हटे तो कुछ किसान समस्या का समाधान हो जाएगा। किसान नेताओं को भी तीनों कानून वापस लेने की जिद नहीं करनी चाहिए।

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