
मोहन भागवत बोले- देश को विश्व गुरु बनाने के लिए सबको आगे आना होगा।
मुजफ्फरनगर में बुधवार को कस्बा खतौली में श्री कृष्ण मंदिर के 65वें स्थापना दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पूजा-अर्चना के बाद संत सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्र को उन्नति की ओर ले जाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि देश को विश्व गुरु बनाने के लिए सबको सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि पवित्र मनुष्य ही बुद्धि के पार जा सकता है। सत्य कठोर होता है। दूसरों के लिए ऐसा विचार न करें कि जो पीड़ित है, दुखी है मरने दो, जन्म लिया है तो मरेगा कभी ना कभी। अगर ऐसा किया तो मनुष्य का आचरण ही मनुष्य जैसा नहीं रहेगा। इसलिए चौथा महत्वपूर्ण तत्व करुणा है। अधर्मी लोग आक्रमण करते हैं तो उसके लिए शक्ति पूर्वक मुकाबला करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के साथ विश्वासपूर्वक और सम्मानपूर्वक आचरण के आगे बढ़ें और अपने साथ पूरी मानवता को आगे लेकर जाएं। एक-दूसरे की मदद करेंगे और सब लोग मिलकर अच्छे रास्ते पर चलेंगे। हम संग में एक गीत गाते हैं... संगठन बढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो, हो भला समाज का वह काम सब किए जा अपने यहां के सब पंथ संप्रदायों की यही धारणा है। इसलिए अपने आप उन धर्म संप्रदायों के मंदिर में दोनों का आज स्थिति ऐसी नहीं है, लेकिन पहले मंदिर में क्या नहीं होता था? उपासना तो होती थी और मनुष्य का जीवन सुचितामय बने तपस्यामय बने और धीरे-धीरे सत्य की और बढ़े यह सब मंदिर में होता था।
पहले मंदिर में तरह-तरह के रोजगारों को आश्रय मिलता था, रोजगार मंदिर के भरोसे चलते थे। मंदिरों की जमीनों पर तरह-तरह के खुशी के प्रेरक होते थे। मंदिरों में मल शाला व्यायामशाला चलती थीं। सारे समाज जीवन का केंद्र मंदिर था। इसीलिए तो विदेशी आक्रामकों ने केवल लूट खसौट को छोड़कर जब हमको गुलाम करना चाहा तो मंदिरों का विध्वंस किया। केवल संम्पत्ति की ही नहीं मनोबल तोड़ दिया। हमारे श्रद्धा के केंद्र रोज के जीवन के व्यवहार के केंद्र ये मंदिर थे।
कमाने वाले से बड़ा बांटने वाला
देश को आगे बढ़ाने के लिए सबको आगे आकर सहयोग करना होगा, तभी देश विश्व गुरु बनेगा। हमारा देश विश्व गुरु बनेगा तो दुनिया में फैली अशांति की स्थिति समाप्त हो जाएगी। कमाने वाले से ज्यादा बांटने वाला बड़ा होता है।
Published on:
15 Jun 2022 05:35 pm
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