
सीएम योगी आदित्यनाथ
शामली। दिल्ली-सहारनपुर हाईवे के शिलान्यास पर मंगलवार को बागपत पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को गन्ने के अलावा अन्य फसल उगाने के लिए दी गई सलाह किसानों को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री की इस सलाह के बाद किसान कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को वेस्ट यूपी के मिजाज और स्थिति की जानकारी नहीं है। यहां के किसानों की खुशहाली गन्ने की खेती में ही बसती है।
इस बाबत भारतीय किसान यूनियन सुप्रीमों ने यहां तक कह दिया है कि अब मुख्यमंत्री ही बता दें कि किसान कौन सी फसल बोएं और कौन सी नहीं। मुख्यमंत्री किसानों की जरूरत पूरनी करने की जिम्मेदारी उठा लें तो किसान ऐसा ही करेंगे।
दरअसल, बागपत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से कहा था कि किसानों को गन्ने के अलावा दूसरी फसल पर भी विचार करना चाहिए। ज्यादा गन्ना उगाने से लोगों को शुगर हो रही है। मुख्यमंत्री की इस नसीहत के बाद गन्ना किसानों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री उन्हें दूसरी फसल उगाने की आदत डालने की बात कह रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि वेस्ट यूपी की खुशहाली गन्ने में ही बसती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ही बता दें कि गन्ने जैसी उपजाऊ व कमाई वाली दूसरी फसल कौन सी होती है। गन्ने की फसल सभी आपदाओं, बारिश, ओला, पाला आंधी तूफान आदि को सहन करती है। इतना ही नहीं, पशुओं के नुकसान करने पर भी गन्ने की फसल ज्यादा प्रभावित नहीं होती हैं। किसानों के बकाए का भुगतान करने में नाकाम मुख्यमंत्री अब इस फसल को ही समाप्त करने को कह रहे हैं। अब इसका खामियाजा भाजपा को 2019 में भुगतना होगा।
किसान बलराज सिंह, बीकेयू भानू गुट के राष्ट्रीय महासचिव किसान अनिल मलिक ने कहा कि योगी ही बताएं कि गन्ने के अलावा और किस चीज की खेती करें। अगर फूल, सब्जी व बागवानी की खेती करें तो उसका कौन सा भंडारन है। किसान नरेश, मुकेश, देवेन्द्र, ब्रजवीर, राजबीर, ओमबरी ने कहा कि योगी किसान विरोधी नीति पर काम कर रहे हैं। उनकी ये नीति और प्रयास वेस्ट की खुशहाली और गन्ना किसानों के खिलाफ है।
Published on:
13 Sept 2018 03:07 pm
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