scriptभाकियू की राजधानी सिसाैली में किसान की आत्महत्या का मामला, 22 घंटे बाद शांत हुआ किसानों का गुस्सा | Farmer's suicide case, family quieted after 22 hours | Patrika News

भाकियू की राजधानी सिसाैली में किसान की आत्महत्या का मामला, 22 घंटे बाद शांत हुआ किसानों का गुस्सा

locationमुजफ्फरपुरPublished: Jun 05, 2020 05:57:04 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

Highlights
सिसाैली में गुरुवार काे एक गन्ना किसान ने खेत में ही फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस घटना के बाद 22 घंटे तक हंगाामा चला। मुआवजे और उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हाे सके।

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मुजफ्फरनगर. थाना भौंरा कला क्षेत्र के कस्बा सिसाैली में गुरुवार काे एक किसान ने खेत में ही पेड़ से लटककर ( Suicide ) आत्महत्या कर ली थी। इस घटना काे लेकर शुक्रवार काे परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। पोस्टमार्टम के बाद गुस्साए परिजन किसान के शव को सड़क पर रखकर बैठ गए। इनका गुस्सा पहले चीनी मिल और बाद में प्रशासन के खिलाफ दिखाई देने लगे। बाद में उचित मुआवजा दिलाए जाने और कार्यवाही के आश्वासन पर ही परिजन शांत हुए।
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सिसाैली कस्बे के रहने वाले किसान ओमपाल की उम्र करीब 50 साल थी। बताया जाता है कि गन्ने की फसल खेत में खड़ी थी और चीनी मिल से पर्ची नहीं आ रही थी। किसान का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसी काे लेकर किसान और उनका परिवार तनाव में भी था। माना जा रहा है कि इसी तनाव में किसान ने आत्महत्या की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना के पीछे के कारणाें का पता लगाने की काेशिश की जा रही है।
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परिजनाें ने बताया कि, गुरुवार दाेपहर करीब दाे बजे पर्ची का इंतजार करके ओमपाल अपने खेत में गया था। खेत में जब उसने गन्ने की खड़ी फसल काे देखा ताे उससे रहा नहीं गया। खेत में ही खड़े अमरूद के पेड़ से लटककर किसान ने जान दे दी। गुरुवार काे भी इस घटना पर ग्रामीणों ने पहुंचे एसडीएम बुढ़ाना कुमार भूपेंद्र और सीओ फुगाना सोमेंद्र का भी किसानों ने विराेध किया था।
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प्रशासन पर आराेप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन घटना काेई दूसरा रूप देने की काेशिश कर सकता है। किसानों का कहना था कि किसान की माैत के लिए चीनी मिल जिम्मेदार है। गुरुवार का दिन ताे गुस्से के बीच बीत गया लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर ग्रामीण पोस्टमार्टम के बाद किसान के शव को सड़क पर रखकर बैठ गए। यहां पहुंचे केंद्रीय मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान ने परिजनों को समझाने की काेशिश की लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा जिलाधिकारी के बयान काे लेकर भी था।
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दरअसल इस घटना काे लेकर मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी ने कहा था कि किसान की आत्महत्या के पीछे जमीन के बंटवारे का विवाद है। हंगामा कर रहे किसानों ने जिलाधिकारी के इसी बयान का विराेध किया। गुस्साए ग्रामीण जिलाधिकारी काे माैके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। इसके बाद मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान ने जिलाधिकारी के बयान पर माफी मांगते हुए कहा कि वह परिजनाें काे पांच लाख रुपये की मदद मुख्यमंत्री राहत काेष से दिलवाने के साथ-साथ पांच लाख रुपये की मदद अपने स्तर से कराएँगे। इतना ही नहीं मामले उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। इसके बाद ही किसानों का गुस्सा शांत हाे सका।
ये करेंगे मदद

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान ने की पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये देने की बात कही है। ए

पांच लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से दिलवाने का आश्वासन दिया है ताे पांच लाख अपनी ओर से दिलवाने की बात कही है।
समाजवादी पार्टी भी एक लाख रुपये देगी।

रालोद ने एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।

भाकियू ने 50 हज़ार देने की घोषणा की है।

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