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खड़काली में दानदाताओं के सहयोग से बनेगा पक्षियों के लिए आश्रय स्थल

सोशल मीडिया के माध्यम से पक्षी प्रेमी दानदाताओं ने जुटाए 11 लाख रुपए

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A shelter for birds will be built in Khadkali with the help of donors

A shelter for birds will be built in Khadkali with the help of donors

नागौर. नागौर पंचायत समिति की खड़काली ग्राम पंचायत के युवाओं की पहल से बेजुबान पक्षियों के लिए स्थाई आश्रय स्थल बनाने का काम शुरू हो गया है। गांव के युवाओं ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर जनसहयोग के लिए एक मुहिम चलाई, जिसमें सर्व धर्म के पक्षी प्रेमी दानदाताओं को जोड़ा गया है, जिसमें नागौर व राजस्थान से बाहर के पक्षी प्रेमी शामिल हैं। पक्षियों के लिए 100 रुपए से लेकर 51 हजार रुपए तक का सहयोग दिया गया, जिससे 11 लाख से अधिक राशि एकत्र हो गई।

खड़काली के पक्षी व पर्यावरण प्रेमी जगदीश खोजा ने बताया कि श्री सवाई जी महाराज की धाम पर सबके सहयोग से स्व. सोहनराम कम्पाउडर व गोरधनराम खोजा की अगुवाई में वर्ष 2009 में 500 से अधिक पौधे लगाए गए, जो आज बड़े वृक्ष बन चुके हैं। पेड़ों के फलस्वरूप आज यहां पर सैकड़ों पक्षियों का जमावड़ा हो गया है और रोजाना सुबह 25-30 किलो चुग्गा डाला जाता है और पीने के पानी सुविधा उपलब्ध की गई है। वर्ष 2009 से खड़काली निवासी देवाराम खोजा धाम पर पूजा पाठ और पेड़-पौधों की देखभाल करते हैं।

युवाओं ने की पहल

पक्षियों की संख्या ज्यादा देखकर गांव के युवाओं ने सोचा कि आंधी, तूफान, बरसात में पक्षियों के छोटे-छोटे बच्चे व अंडे पेड़ों से गिरकर मर जाते हैं। इसलिए धाम के पास पक्षियों के लिए स्थाई आश्रय स्थल बनाया जाए। इसके लिए धन जुटाने के लिए सोशल मीडिया का महत्व समझते हुए वाट्सएप ग्रुप बनाकर मुहिम चलाई, जिसमें सूरत जाट समाज अध्यक्ष मालाराम खोजा ने एक दिन में करीब 3 लाख का सहयोग करवाया। वहीं पुलिसकर्मी भूराराम खोजा ने एक दिन में ढाई लाख का सहयोग करवाया। इसी प्रकार पर्यावरण प्रेमी बनवारीलाल गोरचिया, ओमप्रकाश, अर्जुनराम, हनुमानराम, पेमाराम, गणेशाराम सोऊ, पन्नाराम, अणदाराम, चिमाराम, व महेंद्र खोजा ने प्रेरक बनकर मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पहले खुद विशेष योगदान दिया और दूसरों काे प्रेरित कर 11 लाख रुपए जुटाए।

इस प्रकार बनेगा आश्रय स्थल

जगदीश खोजा ने बताया कि पक्षियों के लिए एकत्र की गई सहयोग राशि से पहले 18 गुणा 18 फीट का बड़ा चुग्गा भंडार बनाया जाएगा। इसके बाद उसके ऊपर चारों तरफ खुला रखते हुए चुग्गा डालने व मोर घर बनाया जाएगा। उसके बाद ऊपर कबूतर घर का निर्माण होगा, जिसमें 1000 कबूतर निवास कर सकेंगे। इसके साथ पीने का पानी व चिड़ियों के नहाने के फव्वारे और उनके घोंसले डालने के सुविधा मुहिया कराने की योजना है। पक्षी आश्रय स्थल का निर्माण कार्य तिलाराम खोजा की देखरेख किया जाएगा, जिसकी नींव रखी जा चुकी है।