22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मेडिकल क्लेम दिलाने का झांसा देकर खुलवाए बैंक खाते, ठगी की राशि जमा करवाकर की धोखाधड़ी, आरोपी गिरफ्तार

आरोपी से पुलिस ने अलग-अलग बैंकों के 43 एटीएम कार्ड, 6 चैक बुक, 4 पास बुक, 2 पैन कार्ड, एक भामाशाह कार्ड, एक वाहन चालक लाइसेंस, एक पुलिस विभाग का पहचान कार्ड जब्त किया

3 min read
Google source verification
ashif khan

मुख्य आरोपी आसिफ खान

नागौर. साइबर थाना पुलिस ने कार्रवाई कर परिवादी को मेडिकल क्लेम दिलाने का झांसा देकर उसकी बैंक पासबुक, चेक बुक, एटीएम का उपयोग कर ठगी की राशि निकाल कर धोखाधड़ी करने के आरोपी को गिरफ्तार किया है। साइबर थाना पुलिस ने आरोपी के कब्जे से पुलिस ने अलग-अलग बैंकों के 43 एटीएम कार्ड, 6 चेक बुक, 4 पास बुक, 2 पैन कार्ड, एक भामाशाह कार्ड, एक वाहन चालक लाइसेंस, एक पुलिस विभाग का पहचान कार्ड जब्त किया है। जानकारी के अनुसार जिले में एसपी नारायण टोगस के निर्देशन में 26 मई से 25 जून तक संदिग्ध बैंक खातों के विरूद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत नागौर साइबर थाने के उप अधीक्षक उम्मेदसिंह के निकटतम सुपरविजन में गठित टीम ने धोखाधड़ी के मामले में मुख्य आरोपी आसिफ खान को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद जेल भिजवा दिया।

ऐसे दिया धोखाधड़ी को अंजाम

पुलिस के अनुसार फिड़ौद निवासी सुरेश मेघवाल ने रिपोर्ट देकर बताया कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है। करीब 12 महीने पहले उसकी बच्ची बीमार हो गई, तब उसको गांव से डॉक्टर के पास इलाज के लिए लेकर आया था। अस्पताल में बच्ची भर्ती थी। इसी दौरान पास के ई-मित्र वाले से फोटो कॉपी करवाने गया तो उससे मेरी दोस्ती हो गई। उसके बाद मेरे करीब 8 माह बाद करंट लग गया तो मैं इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हो गया। उस समय आसिफ ने मुझे कहा कि तुम बीमार हो, अनुसूचित जाति के हो, मैं आपको करंट लगने का क्लेम दिलवा दूंगा। इसलिए तुम्हारे जो भी दस्तावेज हैं, वो मुझे दे दो। मैंने क्लेम लेने के लिए लालच में आकर बासनी निवासी आसिफ पुत्र अहसान खां कायमखानी को मेरा आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, पेन कार्ड, एसबीआई बैंक की डायरी व फोटो दे दी। उसके बाद आसिफ ने मेरे दस्तावेज से एक नई सिम लेने को कहा तो मैंने एक जिओ कम्पनी की सिम लेकर उसे दी। फिर आसिफ ने साथ चलकर मरूधर ग्रामीण बैंक में खाता खुलवाया और मेरी पासबुक व एटीएम कार्ड अपने पास रख लिए। उसके पांच-सात दिन बाद मैं वापस आसिफ के पास आया। उससे पूछा कि मेरा क्लेम आया नहीं तो आसिफ ने कहा कि आपको दूसरी बैक में खाता खुलवाना पड़ेगा। तब मैंने आसिफ के साथ महाराष्ट्र बैंक नागौर में जाकर नया खाता खुलवाया । यहां का एटीएम, चेक बुक और बैंक पासबुक भी आसिफ ने रख ली।

परिवादी सुरेश ने बताया कि आसिफ ने मेरे नाम से जारी करवाई सिम भी अपने पास रख ली और कहा कि मैं तुम्हारे पुराने नम्बर पर जब क्लेम आएगा, तब आपको बता दूंगा। उसके बाद मैं कंरट लगने के कारण ज्यादा बीमार रहने लगा तो मैंने नागौर आना-जाना बन्द कर दिया। बाद में उसके पास पुलिस का नोटिस आने पर पता चला कि बैंक खातों में फ्रॉड की राशि जमा होने से मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज हो रखी है। मरूधर ग्रामीण बैंक एवं महाराष्ट्र बैंक में खाते खुलवाए व जिओ कम्पनी की सीम जो आसिफ को दी। उनका दुरुपयोग करते हुए आसिफ ने मेरे साथ धोखाधडी कर मेरे बैंक पासबुक, चेक बुक, एटीएम का उपयोग कर ठगी की राशि निकाल ली ।

पुलिस की आमजन से अपील

इस तरह की धोखाधड़ी से सतर्क रहने के लिए पुलिस ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के कहने पर अपना बैंक खाता न खोलें। चाहे वह किसी सहायता, मुआवज़ा या योजना के नाम पर हो। बैंक खाता, पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक या सिम कार्ड किसी अन्य व्यक्ति को नहीं सौंपें। यदि कोई व्यक्ति आपके नाम पर खाता खुलवाकर, दस्तावेज अपने पास रखने की मांग करता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। अपने बैंक खाते पर नियमित निगरानी रखें और किसी भी अज्ञात लेनदेन की जानकारी तुरंत बैंक व पुलिस को दें। बैंक खाता खुलवाकर उसका दुरुपयोग करवाना दण्डनीय अपराध है।प्रलोभन या लालच में आकर अपनी पहचान के दस्तावेज या बैंक विवरण किसी को भी सौंपना कानूनी रूप से खतरनाक हो सकता है।

कार्रवाई में इनका रहा सहयोग

धोखाधड़ी के आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर थानाधिकारी उम्मेदसिंह के साथ हैड कांस्टेबल माधुसिह, लुकमान, मूलाराम, कांस्टेबल मुकनाराम, माधाराम, हरीराम, सहीपाल, विरेन्द्र व गजेन्द्र का सहयोग रहा।