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सावधान! नागौर में भी ब्लू व्हेल गेम ले सकता है किसी की जान?

आप भी हो जाइए सावधान कहीं अपके बच्चे भी तो नहीं खोज रहे जानलेवा गेम ब्लू व्हेल को

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careful Nagaurs youth is also searching for Blue Whale Game 14th rank

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देवेन्द्र प्रताप सिंह/नागौर. मौत के खेल ब्लू व्हेल चैलेंज ने दुनिया में करीब 200 जानें लेने के बाद अब राजस्थान में दस्तक दी है। 10 से 17 सितम्बर तक की गूगल टे्रंड की रिपोर्ट के अनुसार इस जानलेवा गेम को डाउनलोड कीववर्ड से खोजने पर राजस्थान देश में 7वें स्थान पर है। इसी रिपोर्ट के अनुसार गेम को खोजने वालों में बोरानाडा राजस्थान में प्रथम स्थान पर है। इसके अलावा दूसरे नम्बर पर बारां, तीसरे पर धोलपुर व चौथे नम्बर पर जोधपुर बताया गया है। जबकि अपना नागौर जिला 14वें स्थान पर। गूगल ट्रेंड रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 5 स्टूडेंट्स की जान जा चुकी है। हाल ही में जोधपुर में एक 16 वर्षीय लडक़ी ने गेम का टास्क पूरा करने के लिए आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

अभिभावक सजग रहें
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इस गेम के एडिक्ट ज्यादातर लोग डिप्रेशन के शिकार होते हैं। ऐसे में यदि आपके घर का कोई सदस्य डिपे्रशन का शिकार है, तो उसे सोशल मीडिया से दूर रखें। घर वाले बच्चों पर नजर रखें और उनकी इंटरनेट हैबिट पर खासा ध्यान दें। जानकारों का कहना है कि गेम में 50 दिन तक 50 टास्क दिए जाते हैं। जिसमें सुबह साढ़े 4 बजे उठना, ब्लेड की मद्द से अपने हाथों पर पर लिखना, डरावनी मूवी देखना, खुद को कष्ट देना, किसी की भी बात न करें, जैसे अनेक टास्क इस गेम में शामिल किए गए हैं। टास्क के ५०वें दिन गेम प्लेयर से सुसाइड करने की बात कही जाती है।

सिर्फ लिंक से चलता है ऑनलाइन गेम
जानलेवा गेम को लेकर कई स्तर पर इसको लेकर तरह-तरह की खोज की जा रही है। जानकारों का कहना है कि इस गेम को डाउनलोड नहीं किया जा सकता। इसके अलावा यह ना तो कोई सॉफ्टवेयर है और ना ही कोई एनड्राईड एप्लीकेशन है। देखा जा रहा है कि कई यूजर्स इस गेम को सोशल मीडिया साइटों पर खोज रहे हैं। गूगल पर एपीके फाइल सर्च कर रहे हैं। यहां तक की इस गेम से जुड़े एप्स भी तलाशे जा रहे हैं। हालांकि यह इंटरनेट पर नहीं मिलेगा। इस गेम को खेलने के लिए एक लिंक होती है। जो भी यूजर इस लिंक को एक्टिव करता है वो गेम एडमिन के शिकंजे में आ जाता है।

ब्लू व्हेल चैलेंज क्या है
ब्लू व्हेल चैलेंज एक इंटरनेट से चलने वाला ऑनलाइन जानलेवा गेम है। इस गेम में ५० टास्क बताए जा रहे हैं। जिन्हें खेलने वालों को पूरा करना ही होता है। गेम को खेलने वालों से टास्क पूरा करने का प्रूफ भी मांगा जाता है। अगर पूरा न करें तो धमकाया जाता है। गेम एडमिन प्लेयरों को काबू में कर लेता है और आखिरी दिन गेम खेलने वालों को सुसाइड के लिए उकसाया जाता है।

शिक्षक भांपेंगे ब्लू व्हेल का खतरा
ब्लू वेल गेम, जी हां अब यह नाम सुनते ही हर किसी के कान खड़े हो जाते हैं, यह वह ऑनलाइन गेम है जिस की अंतिम टास्क गेम खेलने वाले को आत्महत्या के लिए मजबूर कर देता है। इस गेम से देश में कई हिस्सों में बच्चे टास्क पूरी करते-करते आत्महत्या कर चुके हैं। ऑनलाइन का यह गेम बच्चों एवं अवसाद में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन गया है। ऑनलाइन के इस गेम के चक्कर में पडऩे वाले बच्चों का पता लगाने का जिम्मा अब शिक्षकों को दिया जा रहा है। इसके लिए विभागीय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। इसको लेकर बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि विद्यालय में पढऩे वाले बच्चों पर इस संबंध में विशेष नजर रखी जाए। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों को इस बारे में निर्देश दिए हैं। यदि किसी बच्चे के व्यवहार में कोई परिवर्तन आता नजर आए या फिर बच्चे ने अपने शरीर पर कोई निशान बनाया है तो ऐसे बच्चों को की काउंसलिंग कर उसे गेम से दूर करने एवं उसके अभिभावक को भी समझाना होगा।
राजस्थान में गेम खोजने वाले शहर


बोरानाडा -100
बारां -93
धोलपुर -83
जोधपुर -71
सवाई माधोपुर-71
किशनगढ़ -69
अजमेर -63
श्रीगंगानगर- 58
ब्यावर-56
अलवर -56
बाड़मेर- 55
कोटा -55
बीकानेर -55
नागौर -54
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