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वीडियो : करणू मामला – राष्ट्रीय एससी आयोग के उपाध्यक्ष मुरुगन पहुंचे पीडि़तों के घर, जानिए क्या कहा

नागौर के करणूू में दलित युवकों से अमानवीय व्यवहार का मामला, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी रहे साथ, तांतवास गांव की ढाणियों में पीडि़तों और परिजनों से मुलाकात

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National SC Commission Deputy Chairman Murugan reaches victim’s home नागौर. नागौर के करणू गांव में गत 16 फरवरी को दलित युवकों के साथ बर्बरता पूर्वक की गई मारपीट एवं अमानवीय व्यवहार के मामले में शनिवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति (एससी) आयोग की टीम भी नागौर पहुंची। एससी आयोग के उपाध्यक्ष एल. मुरुगन के नेतृत्व में पहुंची टीम ने पहले नागौर के सर्किट हाउस में जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव व एसपी डॉ. विकास पाठक के साथ बैठक कर घटना के सम्बन्ध में जानकारी ली था बाद में पीडि़त युवकों के गांव पहुंचकर उनसे बात की। उपाध्यक्ष ने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश भी दिए हैं।

सर्किट हाउस में बैठक के बाद आयोग की टीम पीडि़त युवकों के गांव सोननगर पहुंची, जहां पर पीडि़त दलित और उनके परिवार के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान आयोग के उपाध्यक्ष मुरुगन ने कलक्टर व एसपी की उपस्थिति में परिवारजनों को अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए सरकारी स्तर पर की गई मदद को लेकर बातचीत की।

मामले में हुई त्वरित कार्रवाई – मुरुगन
पीडि़तों व उनके परिजनों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उपाध्यक्ष एल. मुरुगन ने कहा कि हमें सोशल मीडिया के माध्यम से इस मामले की जानकारी मिली थी, जिसके बाद तत्काल इस पर संज्ञान लिया और आज आयोग की टीम नागौर पहुंची है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पीडि़त परिवार से मुलाकात की है। पीडि़त दलित युवक के साथ इस पूरी घटना को लेकर चर्चा हुई है, साथ ही पीडि़त को आश्वस्त किया गया है कि इस मामले में आयोग दलित परिवार को न्याय दिलाएगा। मुरुगन ने कहा कि उन्होंने पीडि़त और उसके चचेरे भाई के बयान भी दर्ज किए हैं। सभी तथ्यों को लेकर वे एंगल से मामले में जांच कर रहे हैं। हालांकि पुलिस सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसकी जानकारी पीडि़त के परिवार को भी है। आयोग अध्यक्ष ने बताया कि प्रशासन ने जो कार्रवाई की है, उससे हम संतुष्ट हैं और इस मामले में अब जिला कलक्टर को निर्देश दिया है कि पीडि़त परिवार की मदद की जाए, ताकि इन्हें संबल मिले। साथ ही कहा कि पीडि़त युवक को शिक्षा देने और उसे यथासंभव रोजगार देने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं।