scriptजलार्चन के साथ सूर्य का पूजन कर मनाया पर्व | Celebrated the festival by worshiping the sun with Jalarchan | Patrika News

जलार्चन के साथ सूर्य का पूजन कर मनाया पर्व

locationनागौरPublished: Jul 21, 2021 10:03:41 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. झूलेलाल चालिया महोत्सव मनाया

Celebrated the festival by worshiping the sun with Jalarchan

Celebrated the festival by worshiping the sun with Jalarchan

नागौर. सर्व समाज सेवा संस्थान की ओर से झूलेलाल चालिया महोत्सव के झूलेलाल भवन चांद बावड़ी में झूलेलाल साईं को छप्पन भोग लगाया गया। संस्था के अध्यक्ष घनश्याम ठारवानी भगत ने बताया कि सिंधी समाज के लिए इष्टदेव झूलेलाल की स्तुति के लिए यह 40 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। अखंड भारत के सिंध प्रांत मे सिंधी समाज के लोगों द्वारा 40 दिन सिंधु नदी के किनारे पूजा अर्चना कर आराधना की गई थी। इससे प्रसन्न होकर जल देवता द्वारा आकाशवाणी की गई थी कि वरुणावतार झूलेलाल के रूप में अवतार लेकर सिंधी समाज की रक्षा करेंगे। उन्हीं 40 दिनों की याद में झूलेलाल चालिया महोत्सव मनाया जाता है। सुबह उठकर जल देवता एवं सूरज देवता की अर्चना कर जोत जगा कर दान पुण्य किया जाता है। 40 दिनों तक मांस मदिरा वर्जित रहती ह।ै ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया जाता है। व्रत समाप्ति के दिन झूलेलाल साईं की ज्योत जगा कर पंजड़े गाकर आरती पल्लव करके प्रसाद ग्रहण कर व्रत पूर्ण किए जाते हैं। जोत साहब को दरियाह में विसर्जित किया जाता है। इसमें रमेश लखानी, ललित शिवनानी, मोहनदास, प्रकाश, जयकिशन गुरबाणी, भगवान वरलानी आदि थे।
बरगद, पीपल,जाल, कचनार, नीम, अर्जुन आदि के पौधे लगाए
नागौर. खेराट ग्राम में बरगद, पीपल,जाल, कचनार, नीम, अर्जुन, सहजन के लगभग 50 पौधे लगाए। पर्यावरण गतिविधि संयोजक शिवनाथ सिद्ध ने कहा कि नागौर जिले सहित मरु प्रदेश के प्रत्येक जिले में पर्यावरण प्रेमियों की मदद लेकर दिर्घायु पौधे लगाएंगे और झाड़ीनुमा वृक्षों जैसे माठ, मुराली, इन्ना, कंकेड़ा, कुमठा, कैर, फोग आदि पेड़ों के संरक्षण के लिए लोगों में जागरूक किया जाएगा। ताकि वन्य जीवों और पक्षियों को घर मिलने के साथ ही इनके प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ मिल सके।
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