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ई-सखी योजना से महिलाओं को दी जाएगी डिजिटल साक्षरता

एप के माध्यम से होगा पंजीयन

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Nawa News

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नावां शहर. राज्य सरकार की ओर से जनकल्याणकारी योजनाओं के इलेक्ट्रोनिक सेवा प्रदायगी के प्रयास में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अधिक से अधिक लोगों को जोडऩे के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना ई-सखी शुरू की गई है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रोग्रामर पवन कुमावत ने बताया कि ई-सखी योजना के तहत एक क्षेत्रीय विकास एवं सामाजिक उत्थान में रुचि रखने वाली स्वयं सेविकाएं एवं स्काउट परिवार की गाइड रेंजर या एनएसएस सरीखी सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहने वाली महिलाओं को ई-सखी के रूप में तैयार किया जाएगा। इन महिलाओं को इस तरह तैयार किया जाएगा कि यह अपने क्षेत्र की दूसरी महिलाओं को डिजीटल साक्षरता प्रदान कर सके। इन महिलाओं को संविदा कर्मी अथवा राज्य सरकार के अधीनस्थ कर्मचारियों के रूप में नहीं रखा जाएगा तथा इसका संचालन राजस्थान नॉलेज कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से किया जाएगा। इन चयनित महिलाओं को आई टी ज्ञान केन्द्र पर 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड से 10 ई-सखी का चयन किया जाएगा। डिजिटल साक्षरता का अभियान मई माह से प्रारंभ होकर दिसम्बर तक जारी रहेगा। जिसके माध्यम से 1.5 करोड़ लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आईटी ज्ञान केन्द्र पर प्रशिक्षण के बाद ई-सखी महिलाएं अपने गांव या शहर के कम से कम 100 लोगों को विभिन्न प्रकार की डिजिटल सेवाओं के लिए प्रशिक्षित करेगी। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के कार्मिक सुखराम चौधरी ने बताया कि ई-सखी की ओर से किए गए जनकल्याणकारी कार्य के लिए इन्हें कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। प्रशिक्षण के पश्चात प्रमाण पत्र दिया जाएगा। ई-सखी को राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन के केन्द्रों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। ई-सखी बनने की इच्छुक महिलाएं एप के माध्यम से अपना पंजीयन करवा सकेगी। सखी बनने की इच्छुक महिलाएं गूगल प्ले स्टोर से ई-सखी एप डाउनलोड कर आवश्यक जानकारी देने के पश्चात अपना पंजीयन करवा सकेगी।
इनका कहना
सरकार की ओर से यह योजना महिलाओं में डिजिटल साक्षरता को बढाने के लिए शुरू की गई है। इससे महिलाओं का शैक्षणिक स्तर बढेगा तथा बाहरवीं पास कोई भी योग्य महिला जिसमें समाज सेवा की भी भावना हो वह इसमें पंजीयन करवा सकती है।
पवन कुमावत, प्रोग्रामर सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग