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नागौर. आपने आज तक केवल विद्यार्थियों व निजी विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को ही स्कूल ड्रेस कोड में जाते देखा होगा। सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी ड्रेस कोड में दिखेंगे। जिला प्रशासन की ओर से सरकारी शिक्षकों के लिए भी डे्रस कोड लागू करने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासन का मानना है कि इससे तत्काल पता चल सकेगा कि संबंधित व्यक्ति इस ब्लॉक का शिक्षक है। ड्रेस कोड को लेकर नवाचार करते हुए जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने सोमवार को आयोजित साप्ताहिक बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। हालांकि शुरुआती तौर पर केवल यह देखा जाएगा कि कितने प्रतिशत शिक्षक इस ड्रेस कोड को अपनाना चाहते हैं। उसके बाद सम्पूर्ण जिले में शिक्षक डे्रस कोड में नजर आएंगे।
पहले एक ब्लॉक का चयन
कलक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि सबसे पहले जिले में एक ब्लॉक का चयन किया जाए, जहां सभी अध्यापक अपनी स्वेच्छा से ड्रेस कोड निर्धारित कर उसी में स्कूल पहुंचे, ताकि यह पता रहे कि यह अध्यापक इस ब्लॉक में कार्यरत हैं और उनकी यह ड्रेस है। इस नवाचार के सफल होने पर उसे पूरे जिले में लागू किया जाएगा।
इसलिए उठाया जा रहा है कदम
वर्तमान समय में देखने में आता है कि कई शिक्षक जिन्स-टी शर्ट पहकर स्कूल आते हैं। उन्हें देखकर यह पता नहीं लग पाता है कि यह शिक्षक है या फिर आम व्यक्ति। नई पीढ़ी में नैतिक संस्कार जागृत करना शिक्षकों का दायित्व है। शिक्षक बच्चों का भविष्य संवारने, भावी पीढ़ी को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने, समाज के लिए पथ प्रदर्शक और भविष्य निर्माता की भूमिका निभाता है। इसलिए जिला कलक्टर ने ड्रेस कोड लागू करने को लेकर नवाचार के निर्देश दिए है। ड्रेस कोड होने से कपड़ों की एकरूपता के साथ स्कूल के विद्यार्थियों में यह संदेश जाएगा कि हमें नियमित रूप से यूनिफॉर्म पहनकर ही स्कूल आना है। ड्रेस का निर्धारण संबंधित ब्लॉक के अध्यापकों द्वारा आपस में बातचीत कर तय किया जाएगा।
अभी बदलाव के रूप में
प्रथम चरण में केवल बदलाव के रूप में ड्रेस कोड शुरू किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि कितने प्रतिशत शिक्षक इसे अपनाना चाहते हैं। इसके बाद पूरी तरह लागू किया जाएगा।
कुमारपाल गौतम, जिला कलक्टर, नागौर

Published on:
08 May 2018 11:49 am
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