
Birth anniversary of Karpoorchandra Kulish, founder of Rajasthan Patrika
नागौर. राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिश की जयंती पर बुधवार को नागौर शहर के सूफिया कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बीआर मिर्धा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने कुलिश जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जिस सोच के साथ पत्रिका रूपी पौधा लगाया था, पत्रिका आज भी उसी दिशा और सोच को लेकर आगे बढ रहा है। उन्होंने निर्भीक होकर निडरता से निष्पक्ष पत्रकारिता की, जिसकी बदौलत उनका लगाया पौधा आज वटवृक्ष बन चुका है। डॉ. जाखड़ ने कहा कि श्रद्धेय कर्पूर चंद कुलिश जी का पूरा जीवन अनुकरणीय व प्रेरणा देने वाला है।
कुलिश जी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न पुरस्कार जीते और कई पुस्तकें भी लिखी। उन्होंने जो देखा, वही लिखा। वर्ष 2012 में सरकार ने उनके नाम से डाक टिकट भी जारी किया। सरकार के सहयोग से उन्होंने जयपुर के जेएलएन रोड पर कुलिश उद्यान विकसित किया, जहां आज लाखों की संख्या में पेड़ हैं और एक पर्यटन स्थल बन चुका है। डॉ. जाखड़ ने कहा कि कुलिश ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजनीति जन कल्याण का साधन है, न कि साध्य। यदि आपने सत्ता प्राप्त करने को लक्ष्य मान लिया, आपने साध्य मान लिया तो फिर येनकेन प्रकारेण सत्ता प्राप्त करने के लिए लालायित रहेंगे, आप जनता का कल्याण नहीं कर सकेंगे। कुलिश जी ने कहा था कि पत्रकारिता एक तरह से कागज की नाव है, जिसमें यदि एक भी छेद हो गया तो यह नाव डूब जाएगी, लेकिन अब तो जगह-जगह छेद हो गए हैं, ऐसे में यह कैसे सुरक्षित रहेगी, यह एक विचारणीय मुद्दा है।
पत्रिका ने पाठक को सर्वोपरि माना
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूफिया कॉलेज के डायरेक्टर जावेद अख्तर ने श्रद्धेय कर्पूरचंद कुलिश जी के जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए कहा कि उनका लगाया पौधा आज विशाल रूप धारण कर चुका है। अख्तर ने पत्रिका की ओर से जयपुर में चलाए गए विभिन्न आंदोलनों का उदाहरण देते हुए बताया कि समाज में बदलाव लाने के साथ समय-समय पर सरकार को दिशा दिखाने का काम भी पत्रिका ने किया है। आज राजस्थान पत्रिका कुलिश जी के बताए नक्शे कदम पर चलकर समाज में परिवर्तन लाने की दिशा में काम कर रहा है। अख्तर ने कहा कि हमें उनके जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर आगे बढऩा चाहिए।
पत्रिका के संपादकीय प्रभारी नागेश शर्मा ने कहा कि श्रद्धेय कुलिश जी धारा के विपरीत के चलकर कामयाबी के मुकाम तक पहुंचे। शर्मा ने कहा कि आज पत्रिका वटवृक्ष बन चुका है, लेकिन इसके पीछे कुलिश जी का बहुत बड़ा संघर्ष रहा है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में सच्ची पत्रकारिता की और राजस्थान पत्रिका को ऊंचाइयां प्रदान की, जिसकी बदौलत राजस्थान पत्रिका ने पत्रकारिता की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। कार्यक्रम की शुरुआत में कॉलेज परिवार की ओर से मुख्य अतिथियों का माला व साफा पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कॉलेज के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।
Published on:
21 Mar 2024 11:17 am
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