
Patrika build up india campagin webinar
नागौर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन एवं श्रमिकों के पलायन से उद्योगों के सामने आए भारी संकट से उबरने के लिए सोमवार को राजस्थान पत्रिका के ‘भारत नव निर्माण’ अभियान के तहत वेबीनार
आयोजित किया गया, जिसमें शहर सहित जिले के उद्यमी, जैविक खेती करने वाले किसान, जिला कलक्टर, एमएसएमई जयपुर के डीआई, नागौर के अधिकारी, रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक उपस्थित रहे। ऑनलाइन बैठक में सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि नागौर जिला मुख्यालय पर गोगेलाव के पास नया रीको क्षेत्र विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने 3 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। नया रीको क्षेत्र विकसित करने के लिए ईसी जारी हो चुकी है तथा स्कीम बनाकर मुख्यालय जयपुर भेजी जा चुकी है।
बैठक की शुरुआत में जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने पत्रिका की पहल की सराहना करते हुए कहा कि निश्चित रूप से यह समय सबके लिए संकट का है, क्योंकि न केवल बहुत सी इंडस्ट्री बंद होने के कगार पर आ गई है, बल्कि डिमांड और सप्लाई की चैन भी एक बार पूरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में जैसे-जैसे लॉकडाउन खुलेगा, वैसे-वैसे डिमांड बढ़ेगी, लेकिन सप्लाई की चैन वापस पटरी पर कैसे आए, यह हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है। विशेष तौर पर मजदूरों का पलायन एक से दूसरे राज्यों में हुआ है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी मजदूर आए हैं, उसके कारण जो परिस्थिति पैदा हो रही है। इस परिस्थिति से निपटने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार ने अपने-अपने स्तर पर प्रयास शुरू किए हैं। राज्य सरकार ने जयपुर में 24 घंटे चालू रहने वाला कंट्रोल रूम शुरू किया है, साथ ही साथ रीको और आरएफसी ने लोन व बकाया भुगतान को दो महीने के लिए स्थगित किया है। इसके साथ अन्य सेक्टर्स को कैसे जोड़ा जाए, इसके लिए भी विशेष मुहिम शुरू की है।
कलक्टर ने बताया कि जिले में लाइम स्टोन इंडस्ट्री को प्रथम लॉकडाउन में शुरू करवाया, उसके बाद नमक उद्योग को शुरू करवाया और अब ईद के बाद मकराना में मार्बल उद्योग के शुरू होने की उम्मीद है।
बैठक में उद्यमियों के सुझाव एवं विचार जाने के बाद अंत में जिला कलक्टर यादव ने कहा कि अगले एक सप्ताह में ही जिले में आए प्रवासी श्रमिकों की सूची तैयार कर उनकी स्किल (कुशल व अकुशल) के अनुसार डाटा तैयार कर ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
कृषि जिंसों पर टैक्स खत्म हो
सरकार ने संकट के इस काल में मंडी में आने वाली कृषि जिंसों पर पहले 2 प्रतिशत टैक्स लगाया, फिर उसे कम किया। हमारी मांग है कि खाद्यान एवं मसाला जिंसों पर धीरे-धीरे इसे टेक्स खत्म किया जाए। क्योंकि नागौर के जीरा व ईसबगोल की विश्व में डिमांड हैं, इसी प्रकार मूंग भी देशभर में जाता है। इसके साथ नए रीको का भी विकास हो।
- बनवारीलाल अग्रवाल, उद्यमी, नागौर
आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा
पत्रिका का प्रयास सराहनीय है। मेरा मानना है कि यदि गांवों में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए, रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा। इसके लिए सरकार को कम ब्याज दर पर उद्यमियों को ऋण उपलब्ध करवाना चाहिए।
- हरिराम धारणिया, व्यावसायी, नागौर
प्रवासी मजदूरों की सूची ऑनलाइन हो
कोरोना के कारण उद्यमियों को भारी नुकसान हुआ है। उद्यमियों को बिजली बिल, बैंक ब्याज, रीको के सर्विसेज चार्ज, मुनीम मजदूर की सैलरी बंद के दौरान भी लगी है, इसमें राहत दी जाए। अधिकारी रुचि ले तो नागौर में नए उद्योग लगाने की बहुत सम्भवना है। जिले में प्रवासी मजदूर या उद्यमी आया है, उनका सर्वे करवाकर सूची ऑनलाइन की जाए।
- भोजराज सारस्वत, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती, नागौर
जैविक खेती व पशुपालन को बढ़ावा दे
जिले में जैविक खेती व पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए। कृषि व पशुपालन से जुड़ी इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाए, ताकि प्रवासी मजदूरों को वापस बाहर नहीं जाना पड़े। उद्योग, कृषि व पशुपालन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एमएसएमई व रीको की जो भी योजनाएं हैं, उनका भी उद्यमियों के बीच प्रचार प्रसार हो।
- मयूर जैन, युवा उद्यमी
हैण्डटूल्स की सरकारी खरीद लघु उद्योगों से हो
हैण्डटूल्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विभाग जैसे रोडवेज, डिस्कॉम, आईटीआई, पीएचईडी द्वारा जो भी हैण्ड टूल्स की खरीदे जाएं, वो लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों से ही होनी चाहिए, ताकि ये उद्योग वापस खड़े हो सके। इसके साथ बिजली के बिलों में छूट दी जानी चाहिए तथा सरकारी योजनाओं में खानापूर्ति कम से कम होनी चाहिए।
- सनत कानूगो, सचिव, नागौर इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन, नागौर
जीएसटी एवं रोड टैक्स में मिले राहत
कोरोना वायरस की घड़ी में लोगों का रुझान अब स्वयं के चौपाइयां वाहनों की खरीद के प्रति बढ़ा है। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा रेपो रेट को कम किया जाना एक सराहनीय कदम है, जिससे कार लोन सस्ते हुए हैं एवं कई वित्तीय संस्थाएं कम ईएमआई पर भी लोन की सुविधा प्रदान कर रही हैं, लेकिन अब भी सरकार को चाहिए कि इसमें जीएसटी एवं रोड टैक्स में और राहत प्रदान करें, जिससे कि चौपाया वाहनों की बिक्री को और गति प्राप्त हो सके।
- महेन्द्रसिंह भाटी, युवा उद्यमी, नागौर
इंडस्ट्री को संकट से निकालने के लिए एमएसएमई लाई कई योजनाएं
पत्रिका का भारत नव निर्माण अभियान वर्तमान की जरूरत है। इस संकट में एमएसएमई कई योजनाएं लाया है, इसमें प्रमुख रूप से कोविड-19 इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (सीईसीएल) स्कीम है, जिसके तहत लघु एवं सूक्षम उद्योगों को ऋण दिया जाएगा। लोन की ब्याज दर 7.75 प्रतिशत रहेगी। सेबी की ओर से भी ऋण देने की योजना बनाई गई है, जिसके तहत 50 लाख से एक करोड़ तक बहुत कम समय में ऋण दिया जाएगा। इसके साथ हमने एक पोर्टल भी शुरू किया है, जिसके माध्यम से उद्यमी अपनी समस्या बता सकते हैं और योजनाओं की जानकारी ले सकते हैं। कंट्रोल रूम से भी जानकारी ले सकते हैं।
- तरुण भटनागर, असिसटेंट डायरेक्टर, एमएसएमई-डीआई, जयपुर
सर्विस चार्ज नहीं बढ़ाया
लॉकडाउन के चलते रीको द्वारा हर वर्ष सर्विस चार्ज में की जाने वाली 10 प्रतिशत वृद्धि इस बार नहीं की है। जहां तक गोगेलाव के पास नया रीको औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की बात है तो इसके लिए गत जनवरी में ही ईसी जारी हो गई और फॉरेस्ट की क्लीयरेंस भी मिल गई है। हमने स्कीम बनाकर मुख्यालय भेज दी है, जिस पर हमें मुख्यालय से 3 करोड़ रुपए का बजट भी दिया गया है। उम्मीद है वर्ष 2021 में प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
- अखिल अग्रवाल, क्षेत्रीय प्रबंधक, रीको, नागौर
Published on:
26 May 2020 11:50 am
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