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राजस्थान में 1 साल से GST सर्वे बंद, लोहा-सीमेंट और पान मसाला में बढ़ी टैक्स चोरी, सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान

राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में जीएसटी सर्वे पर अघोषित रोक से राजस्व में भारी गिरावट आई है। जुलाई 2024 से राज्य के संभागीय कर आयुक्तों को सर्वे नहीं करने के मौखिक निर्देश दिए गए थे। उसके बाद से राजस्व संग्रह में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। पढ़ें शरद शुक्ला की रिपोर्ट...

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नागौर

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Arvind Rao

Aug 28, 2025

जीएसटी 2.0 का असर हर जगह दिखेगा

जीएसटी 2.0 का असर हर जगह दिखेगा

नागौर: प्रदेश में राज्यकर विभाग की ओर से की जाने वाली सर्वे की कार्रवाई पर पिछले एक साल से अघोषित रोक होने से जीएसटी चोरी करने वालों के हौंसले बुलंद हैं। सर्वे और रोड चेकिंग नहीं होने से कुछ लोहा, सीमेंट, पान मसाला, गुटखा आदि के कारोबारी खुलेआम टैक्स चोरी कर रहे हैं।


परिणाम स्वरूप सरकार को हर दिन करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि सर्वे बंद होने से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी बढ़ी है।


ऐसे होता है सर्वे


स्टेट टैक्स विभाग की ओर से संदिग्ध लेन-देन वाले करदाता को चिह्नित करते हैं। इसमें जीएसटी रिटर्न में विसंगति, ई-वे बिल में त्रुटियां अथवा गुप्त सूचना के आधार पर चयन कर स्थल पर निरीक्षण किया जाता है। पूर्व में सूचना दिए बिना टीम संबंधित व्यवसाय स्थल पर पहुंचती है।


यह पड़ रहा प्रभाव


सूत्रों के अनुसार, सर्वे पर रोक लगने से राज्य सरकार को राजस्व नुकसान हुआ है। इसका विकास योजनाओं पर असर पड़ा है। स्वास्थ्य और शिक्षा के खर्चे को लेकर वित्तीय गणित बिगड़ गया है।


3 सालों में 82,964 करोड़ राजस्व घटा


तीनों वर्षों में मिलाकर कुल राजस्व घाटा 82,964 करोड़ हुआ है। इससे साफ है कि विभाग के आलाधिकारियों की सर्वे नहीं करने देने की नीति के चलते रिकॉर्ड राजस्व घाटा है। यह राज्य की आर्थिक स्थिति और कर संग्रह प्रणाली के लिए एक चिंताजनक संकेत है।


क्या है जांच की प्रक्रिया


विभाग की ओर से स्थान चयन कर प्रमुख व्यापारिक मार्गों, सीमावर्ती क्षेत्रों एवं मंडियों में अभियान चलाया जाता है। जांच में दस्तावेज सत्यापन के लिए वाहन में लदे माल के दस्तावेज जैसे ई-वे बिल, कर चालान आदि की जांच होती है। चालक से पूछताछ कर माल और दस्तावेज का मिलान किया जाता है।


राजस्व संग्रह में गिरावट (करोड़ रुपए में)


-साल 2022-23 में 32,310 यानी 2.3 प्रतिशत
-साल 2023-24 में 24,896 यानी 1.6 प्रतिशत
-साल 2024-25 में 25,758 यानी 1.4 प्रतिशत


इनका कहना है


सर्वे के लिए उच्चाधिकारियों की ओर से मिलने वाले दिशानिर्देश की पालना की जाती है। इस संबंध में इनपुट मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। फिलहाल, कोई सर्वे नहीं किया
गया है।
-भारत सिंह राजपुरोहित, संयुक्त आयुक्त, राज्य कर विभाग, नागौर


निदेशालय के दिशा-निर्देश पर आवश्यक होने पर सर्वे की कार्रवाई करते हैं। सर्वे प्रावधानों को ध्यान में रखकर होता है। काफी समय से सर्वे नहीं किया गया है।
पूरण सिंह, अतिरिक्त कमिश्नर, राज्य कर विभाग, अजमेर संभाग


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