
Ashok choudhary
नागौर. 'मुख्यमंत्री ने तीन दिन के अपने दौरे में नागौर की जनता को भ्रमित करने के सिवा कुछ नहीं किया है। उन्होंने नागौर के विकास की जितनी भी बातें की हैं, वे खोखली और तथ्यहीन हैं। यही कारण है कि आम जनता ने उनके कार्यक्रमों से दूरी बना रखी और भीड़ करने के लिए सरकारी अमले को काम पर लगाया गया।' यह बात अभिनव राजस्थान पार्टी के संयोजक डॉ. अशोक चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है।
डॉ. चौधरी ने प्रेस बयानों में बताया कि नागौर जिले को मीठा पानी पिलाने के बातें इतनी बढ़ चढ़कर की गई हैं, जैसे हर गांव और ढाणी में पानी पहुंच गया हो, जबकि हकीकत यह है कि अभी तो इंदिरा गांधी नहर की नागौर पेयजल परियोजना के पहले चरण के 502 गांवों में से मात्र सौ गांवों में आधा-अधूरा पानी पहुंचा है। गोटन, मेड़ता रोड, जारोड़ा, गगराना, इन्दावड, डांगावास, पादू कलां, थांवला और रियां बडी जैसे बड़े गांव भी मीठे पानी से कोसों दूर हैं। जब पहला चरण ही पूरा नहीं हुआ है तो दूसरे चरण में शामिल लोगों को केवल पानी दिखाकर मूर्ख बनाने का क्या फायदा। अभी तो पूरा डिस्ट्रीब्यूशन का ढांचा बनाना ही बाकी है। यह तो केवल ट्रांसमिशन का काम पूरा हुआ है। जापान से आए उधार के पैसे को हजम करके और चीन के घटिया पाइप डालकर केवल जनता से छल किया जा रहा है।
मामला कोर्ट का, बात करते हैं राष्ट्रपति की
डॉ. चौधरी ने बताया कि नागौरी बछड़ों के परिवहन पर लगी रोक ने जिले के पशुपालकों की कमर तोड़ दी है। अब जिले के विख्यात पशु मेले नाम मात्र के रह गए हैं। मुख्यमंत्री ने रटा रटाया जवाब दिया है कि राष्ट्रपति जी को लिखा है, जबकि यह मामला राजस्थान उच्च न्यायालय का है। न्यायालय में जाकर तथ्यों को रखने की बजाए राष्ट्रपति को पत्र लिखने का क्या फायदा।
विकास किया तो दिखा क्यों नहीं
डॉ. चौधरी ने मुख्यमंत्री के जिले में पिछले पांच वर्षों में बीस हजार करोड़ रुपए खर्च करने का दावे को भी झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि यदि विकास हुआ तो दिखाई क्यों नहीं दे रहा। उन्होंने कहा कि नागौर जिला अपराध का गढ़ बन चुका है। पुलिस का मनोबल इतना गिर गया कि कर्मचारी आत्महत्याएं करने लगे हैं।
Published on:
05 May 2018 11:42 am
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