27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वीडियो : नागौर में एसीबी की 11 स्थानों पर दबिश, आईसीडीएस डीडी रानी गिरफ्तार, ठेकेदार के घर से 50 लाख रुपए जब्त

आंगनबाड़ी केन्द्रों के पोषाहार वितरण में भ्रष्टाचार का मामला, पोषाहार वितरण करने वाले तीन ठेकेदार एसीबी की हिरासत मेंजयपुर, अजमेर व नगाौर की एसीबी टीमों ने नागौर जिला मुख्यालय सहित कुचामन, मकराना, रियांबड़ी, डेगाना, परबतसर सहित 11 स्थानों पर चलाया तलाशी अभियान

3 min read
Google source verification
Seized 50 lakh rupees from the contractor's house

ACB raid at 11 places in Nagaur of ICDS offices

नागौर. जिले में मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार वितरण में भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ 11 स्थानों पर दबिश दी। पोषाहार वितरण में कमीशनखोरी, अनियमितता व भ्रष्टाचार की शिकायत पर अजमेर, जयपुर व नागौर एसीबी की टीमों ने नागौर जिला मुख्यालय के महिला एवं बाल विकास विभाग उपनिदेशक कार्यालय सहित कुचामन, मकराना, रियांबड़ी, डेगाना व परबतसर के सीडीपीओ कार्यालय एवं तीन ठेकेदार व दो अधिकारियों के निवास पर भी तलाशी व छापेमारी की कार्रवाई की। इस दौरान एसीबी ने पोषाहार वितरण के मुख्य ठेकेदार डेगाना निवासी हरिसिंह पुत्र अर्जुनदान की गाड़ी से पोषाहार के सैम्पल व 10 हजार रुपए बरामद किए, जबकि उसके घर से 50 लाख रुपए नकद व आंगनबाड़ी केन्द्रों के पोषाहार से सम्बन्धित ढेर सारा रिकॉर्ड जब्त किया गया है। पूरी कार्रवाई अजमेर एसीबी के एसपी कैलाशचंद्र बिश्नोई व एएसपी सीपी शर्मा के नेतृत्व में हुई।

उपनिदेशक गिरफ्तार, रुपए भी जब्त
एसीबी की टीम ने महिला एवं बाल विकास विभाग (आईसीडीएस) उपनिदेशक उषा रानी के निवास से पोषाहार के ठेकेदार किशोर बेन्दा द्वारा दिए गए 40 हजार रुपए समेत कुल 55 हजार रुपए जब्त किए हैं। रिश्वत की एवज में हस्ताक्षरित एमओयू उषा रानी के कार्यालय में उनकी टेबल की दराज से बरामद किया गया है। पूछताछ के बाद उषा रानी को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है।

दो अन्य ठेकेदारों का भी रिकॉर्ड जब्त
एसीबी की टीमों ने विभाग में पोषाहार वितरण के दो अन्य ठेकेदार चुई निवासी किशोर बेन्दा पुत्र तेजाराम व जावला निवासी योगेश दायमा पुत्र हरिप्रसाद दायमा के घर से भी बड़ी मात्रा में रिकॉर्ड जब्त किया है। योगेश दायमा की पोषाहार वितरण के लिए उपयोग ली जा रही एक जीप को भी जब्त किया गया है। एसीबी ने तीनों ठेकेदारों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

जांच के घेरे आ सकते हैं वरिष्ठ आरएएस
नागौर में कार्यरत वरिष्ठ आरएएस अधिकारी के पास भी करीब छह माह तक महिला एवं बाल विकास विभाग उपनिदेशक का चार्ज रहा। ऐसे में एसीबी उन्हें भी जांच के दायरे में ला सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार उषा रानी ने करीब एक माह पूर्व ही कार्यभार ग्रहण किया था। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार वितरण में भ्रष्टाचार का यह खेल लम्बे समय से चल रहा था, ऐसे में जिन अधिकारियों के पास उपनिदेशक का चार्ज रहा, उन्होंने या तो इस भ्रष्टाचार की अनदेखी की या फिर उसमें उनकी मिलीभगत रही। मंगलवार को जब्त किए गए रिकॉर्ड की जांच के बाद एसीबी इस मामले में वरिष्ठ आरएएस अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को भी जांच के दायरे में ला सकती है।

कुचामन में जयपुर की टीम
जिला मुख्याालय पर एसीबी के अजमेर एएसपी सीपी शर्मा के नेतृत्व में नागौर एसीबी के डीएसपी जाकिर अख्तर व सीआई इस्माइल खां ने कार्रवाई को अंजाम दिया, वहीं कुचामन सिटी उपखंड मुख्यालय पर सीडीपीओ कार्यालय व सीडीपीओ शक्तिसिंह हापावत के निवास पर एसीबी के एएसपी देशराज सिंह की अगुआई में पोषाहार और स्वयं सहायता समूहों से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया गया। मकराना में अजमेर एसीबी के सीआई पारसमल के नेतृत्व में कार्रवाई की गई।

बच्चों की बजाए अधिकारियों का विकास
गौरतलब है कि राज्य सरकार छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ाई के साथ पोषाहार भी देती है। पोषाहार तैयार करने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों को सौंपी गई है, लेकिन जिले में ज्यादातर स्थानों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खुद पोषाहार तैयार करती हैं और बच्चों को निम्न गुणवत्ता का पोषाहार दिया जाता है। नियमों के तहत बच्चों का शारीरिक विकास एवं पर्याप्त पोषण देने के लिए सुबह नाश्ता व दोपहर में गर्म पोषाहार देने का प्रावधान है, लेकिन भ्रष्टाचार के इस खेल में बच्चों का कम और ठेकेदारों व अधिकारियों को विकास ज्यादा हो रहा है।