
anuradha lady don
नागौर. प्रदेश में गैंगस्टर आनंदपालसिंह की गैंग के गुर्गे एक बार फिर सक्रिय होने का प्रयास कर रहे हैं। ये वो गुर्गे हैं जो विभिन्न मामलों में जेल की सजा काटकर या तो रिहा हो गए या फिर जमानत पर बाहर आए हुए हैं। उधर, पुलिस भी 'तू डाल-डाल तो मैं पात-पात' वाली कहावत चरितार्थ करते हुए आनंदपाल के गुर्गों पर खुपिया नजर रखे हुए है और शिकंजा कस रही है। इसका ताजा उदाहरण सूरज पाटीदार व अनुराधा गिरफ्तारी है। हालांकि अनुराधा को खेराज हत्याकांड के गवाह महिम मास्टर का अपहरण करने के मामले में गिरफ्तार किया है, जो महिम ने हाल ही दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार आनंदपाल गैंग के गुर्गे विभिन्न अपराधों में लिप्त रह चुके हैं, इसलिए उनके जेल से बाहर आते ही अन्य मामलों में गिरफ्तार कर लगाम कसी जाएगी, ताकि वे अपराध की दुनिया में दुबारा सक्रिय नहीं हो सके।
आनंदपाल की बेटी से सम्पर्क में आई अनुराधा
सूचना यह है कि अनुराधा विदेश में रह रही आनंदपाल की बेटी चीनू के सम्पर्क में थी, जेल से बाहर आने के बाद उसने वाट्सएप व अन्य एप कॉलिंग से सम्पर्क साधा, जिस पर पुलिस की नजर थी। अनुराधा कुछ योजना बना पाती, इससे पहले ही पुलिस ने उसे महिप अपहरण मामले में गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि अनुराधा के खिलाफ हत्या का कोई मामला नहीं है, लेकिन अपहरण के मामलों में वह मास्टरमाइंड की भूमिका निभा चुकी है, जिनमें उसकी जमानत हो चुकी थी।
शक होते ही दबोचा
आनंदपाल फरारी मामले में भी एक दर्जन बदमाश इन दिनों जमानत पर हैं। सूरज पाटीदार जमानत के बाद पेशी पर नहीं आ रहा था तो पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने उसे रडार पर लिया तो पता चला कि आनंदपाल की गैंग वापस एकजुट हो रही है। इस पर पुलिस ने उसे इंद्रचंद अपहरण मामले में धर दबोचा। आनंदपाल एनकाउंटर के बाद यह दोनों की गिरफ्तारी पुलिस की तरफ से पहली एक्टिविटी है और बदमाश भी हाल ही एक्टिव हुए थे, उनके एक्टिव होते ही पुलिस ने अपना काम कर दिया।
पुलिस ने खत्म की थी पूरी गैंग
सितम्बर 2015 में परबतसर के गांगवा के निकट पुलिस सुरक्षा तोड़कर फरार हुए आनंदपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए नागौर सहित प्रदेश की पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिली। गत वर्ष जून में आनंदपाल का एनकाउण्टर करने के पहले एवं बाद में पुलिस ने गैंग के करीब 60 से अधिक गुर्गों को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। इस प्रकार आनंदपाल की पूरी गैंग समाप्त हो गई थी, जिसका असर यह रहा कि जिले में संगठित अपराध की घटनाएं लगभग बंद हो गईं।
गैंग को सक्रिय नहीं होने देंगे
हां, आनंदपाल गैंग के जिले में करीब आधा दर्जन गुर्गे जमानत पर रिहा हुए हैं। हमारा प्रयास है कि ये लोग दुबारा आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय न हों। जहां तक अनुराधा को गिरफ्तार करने मामला है तो उसके खिलाफ हाल ही नया मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उसे गिरफ्तार किया गया।
- परिस देशमुख, पुलिस अधीक्षक, नागौर
Published on:
23 May 2018 10:55 am
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