
dharna in amarpura of nagaur
-धरना स्थल पर नहीं पहुंचे अधिकारी
नागौर. अमरपुरा में राजमार्ग 65 पर प्रस्तावित पुल का निर्माण निरस्त कर तिराहा बनाने की मांग कर रहे ग्रामीणों का धरना व विरोध प्रदर्शन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने के दूसरे दिन मदनलाल चौहान के नेतृत्व में हरकाराम फरड़ौदा, लूणाराम सोलंकी, पूर्णाराम घोसलिया, पप्पूराम जाखड़, धर्मेन्द्र सोलंकी समेत बड़ी 85 व्यक्ति धरने पर बैठे। इस अवसर पर चौहान ने कहा कि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
करोड़ों का होगा नुकसान
हरकाराम फरड़ौदा ने कहा कि सरकार विकास के नाम पर दस करोड़ रुपए खर्च कर ओवरब्रिज बनाना चाहती है लेकिन इससे गांव की 15 करोड़ की धार्मिक व सामाजिक परिसंपत्तियां नष्ट हो जाएगी। इस जगह पर ओवरब्रिज के स्थान पर तिराहा बनाया जाए तो सरकार के करोड़ों रुपए बचेंगे। मंगलवार को बीकानेर से राजमार्ग विभाग के एसई के धरना स्थल पर चर्चा के लिए नहीं आने पर ग्रामीण ने रोष जताया व नारेबाजी की।
ग्रामीणों ने गिनाए ये फायदे
धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि ओवरब्रिज का निर्माण नहीं होने से स्कूल भवन, खेल मैदान व करीब सात सौ से ज्यादा पेड़-पौधे नष्ट होने से बच जाएंगे। संत लिखमीदास, तेजाजी मंदिर, हनुमान मंदिर, महादेव छतरियां भी नष्ट नहीं होंगी। इसके अलावा पानी की प्याऊ, नलकूप, सार्वजनिक पेयजल टांका, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, समाज कल्याण भवन व तेजा वाटिका की हरियाली भी बचाई जा सकती है।
कलक्टर को सौंपा था ज्ञापन
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पर ग्राम अमरपुरा से चिमरानी तक प्रस्तावित सड़क पर अमरपुरा में बनने वाले टी आकार के ब्रिज का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने शनिवार को जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम व जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख को ज्ञापन सौंपकर अमरपुरा में पुलिया का निर्माण नहीं करने की मांग की थी। ग्रामीणों ने पुलिया निर्माण का कार्य निरस्त नहीं करने पर 9 अक्टूबर से अमरपुरा में तेजाजी मंदिर के पास धरने पर बैठने की अनुमति मांगी थी। धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।
Published on:
10 Oct 2017 10:02 pm
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