
हक की लड़ाई: अबूझमाडिय़ों ने शुरू की कवायद, 236 गांव बटा 3 कैटेगरी में
नारायणपुर. धूर माओवादी प्रभावित अबूझमाड़ की विशेष संरक्षित जनजातियों को बसाहट का अधिकार देने की कवायद तेज हो गई है। 9 परगना में बटे अबूझमाड इलाके को बसाहट का अधिकार देने के लिए मांझी, गायता व पटेल, जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन नुमांइदों की उपस्थिति में मंथन किया गया। इस मंथन में 9 परगना के मांझी, गायता व पटेल को पर्यावास का अधिकार के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। इसमें अबूझमाड़ को बसाहट का अधिकार देने की शुरूआत परगना स्तर से की जाएगी।
नारायणपुर जिला प्रशासन ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए प्रशासन ने जिला स्तरीय समिति बनाने के बाद अबूझमाड इलाके में 236 में 190 गांवो में ग्राम स्तर पर समिति बनाकर इसका प्रस्ताव सरकार भेज दिया है। इस प्रक्रिया को वन अधिकारों की मान्यता कानून के तहत की जा रही है। बसाहट के अधिकार में विशेष जनजाति के गांव, उनके धार्मिक-सांस्कृतिक स्थल और वह पूरा क्षेत्र आता है, जहां तक उस जनजाति के लोग पाए जाते है। नारायणपुर में करीब 4235 किलोमीटर क्षेत्र में अबूझमाडिय़ा जनजाति का रहवास कहा जा रहा है।
अबूझमाड़ को ओरछा विकासखण्ड के 8 व नारायणपुर विकासखण्ड का एक कुल 9 परगना में बांटा गया है। इन 9 परगनों का का सर्वेक्षण कराया जाएगा। इसको लेकर जिला प्रशासन, वन विभाग अधिकारियों के साथ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की दो दौर की चर्चा होने के बाद शनिवार को ओरछा ब्लॉक मुख्यालय में 9 परगना के मांझी, गायता व पटेल सहित सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी, जिला प्रशासन व वन विभाग के अधिकारियों ने सामूहिक मंथन किया । इस मथन में 9 परगना के मांझी, गायता व पटेल को वन अधिकार कानून 2006 के तहत विशेष सरंक्षित जनजातियों को पर्यावास का अधिकार के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया।
अबूझमाड़ इलाका 9 परगना में बंटा हुआ है। इनमें कोलर परगना - कोहकामेटा, गोटल परगना - नेडनार कंदाडी, नुरदेश परगना-मसपुर, जटवर परगना-घमंडी, वडदल परगना-कुतुल, परसल परगना-धुरबेडा, छोटेडोंगर परगना-ओरछा, तुला गोटल परगना-कच्चापाल, परलकोट परगना-गारपा शामिल है। इन 9 परगना में से किसर परगना से सर्वेक्षण कार्य की शुरूआत की जाएगी। इस सर्वेक्षण में एक परगना में कितने गांव उनके धार्मिक-सांस्कृतिक स्थल सहित अन्य बिंदुओं पर सर्वेक्षण किया जाएगा।
236 गांवो को तीन कैटेगरी में बांटा
बसाहट का अधिकार देने के लिए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू करते हुए अबूझमाड़ के 236 गांवो को तीन कैटेगरी में विभाजित किया है। इसमें ए कैटेगरी में मुख्य सडक़ मार्ग में स्थापित सहित आसपास के गांवों को शामिल किया गया है। वही दूसरी बी कैटेगरी में मुख्य सड़क थोडी दूरी पर स्थित गांवों को शामिल किया गया है। इस तरह अबूझमाड़ के 236 गांवो को जिला प्रशासन ने तीन कैटेगरी में विभाजित किया है। इससे गांवो तक पहुंचकर सर्वेक्षण कार्य आसानी से किया जा सके।
Click & Read More Chhattisgarh News.
Published on:
15 Sept 2019 04:41 pm
बड़ी खबरें
View Allनारायणपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
