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MP News: समर्थन मूल्य पर मूंग बेचने वाले किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए भटकना पड़ रहा है। मूंग बेचने वाले किसानों के 300 करोड़ से अधिक भुगतान रूका हुआ है। समितियों से ई-पेमेंट आर्डर (ईपीओ) मिलने में देरी होने के कारण जिला सहकारी बैंक से किसानों को राशि मिलने में देरी हो रही है।
जानकारी के मुताबिक 7 जुलाई से 8 अगस्त तक जिलेभर के 64 हजार 68 किसानों से 1763 करोड़ रुपए की 2 लाख 31 हजार 315 क्विंटल मूंग की खरीदी गई थी। इसमें से सोमवार तक जिला सहकारी बैंक से लगभग 1400 करोड़ रुपए का ही भुगतान हुआ है। 316 करोड़ रुपए का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
बताया जाता है कि मूंग के भुगतान करने के लिए वेयर हाउस से जब तक मूंग जमा होने के बाद ही वेयर हॉउस रसीद (डब्ल्यूएचआर) जारी होते हैं। इसके बाद समितियां ईपीओ बनाकर भेजती हैं। इसके जरिए बैंक खरीदी करने वाली नोडल एजेंसी विपणन संघ से राशि मिलती है। जिसे किसानों के खातों में डाला जाता है। डब्ल्यूएचओ और ईपीओ में देरी होने के कारण भुगतान में रूकावट आ रही हैं।
सहकारिता विभाग ने समितियों को ईपीओ जल्द तैयार करने की हिदायत दी है। अधिकारियों की टीम भी समितियों की मॉनीटरिंग कर रही है। इसके बाद भी किसानों को उपज का पैसा मिलने में देरी हो रही है।
बताया जाता खरीदी के दौरान जिले में 50 लाख रुपए की लगभग 3 हजार मीट्रिक टन मूंग को अमानक करार दिया गया था। समितियों को इस मूंग में फिर से छन्ना लगाकर साफ करना था। अपग्रेड करने में देरी होने के कारण भी मूंग के भुगतान पर असर पड़ रहा है।
जिला सहकारी बैंक ने कृषि ऋण लेने वाले जिले के 2 हजार 765 किसानों से मूंग के भुगातन से 27 करोड़ 65 लाख रुपए की ऋण वसूली करने का लक्ष्य बनाया था। इसमें अभी तक 16 करोड़ 50 लाख रुपए की वसूली कर ली है। इसमें से 9 करोड़ मार्कफेड से बैंक को मिल गए हैं।
वेयर हाउस से डब्ल्यूएचआर और समितियों से ईपीओ जल्द बनवाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। लगभग 50 लाख रुपए की मूंग को अपग्रेड कर रहे हैं। लगभग 10 दिन किसानों को पूरा भुगतान मिल जाएगा। -शिवम मिश्रा, उपायुक्त सहकारिता नर्मदापुरम
Updated on:
27 Aug 2025 12:47 pm
Published on:
27 Aug 2025 12:46 pm
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