
7 lakh people will pass through tigers for Nagdwari fair of Pachmarhi
Nagdwari fair of Pachmarhi- मध्यप्रदेश की सबसे खतरनाक धार्मिक यात्रा 19 जुलाई यानि शनिवार से प्रारंभ हो गई। पचमढ़ी की नागद्वारी मंदिर की यह यात्रा से 29 जुलाई तक चलेगी। घने जंगलों और पहाड़ियों से होते हुए शिव मंदिर का यह सफर बेहद कठिन होता है। नदियों और झरनों को पार करते हुए पहाड़ी के ऊपर की खड़ी चढ़ाई देखकर ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं पर लाखों शिवभक्त हर साल हंसते हंसते यह सफर करते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि पचमढ़ी का यह विख्यात शिव मंदिर, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है जहां पांच दर्जन से ज्यादा बाघ हैं। भक्तों को इन जंगली जानवरों का भी जरा डर नहीं है। यहां मेला भी लगा है।
अमरनाथ की दुर्गम यात्रा की तरह शनिवार से पचमढ़ी के प्रसिद्ध नागद्वारी की पदयात्रा शुरू हो गई। मेला के लिए शुक्रवार से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। नागमंदिर गुफा सहित आसपास की बिजली व्यवस्था के लिए कंधों पर रखकर जनरेटर पहुंचाए गए जिससे यात्रा मार्ग में रात के समय समस्या नहीं हो। गुफा के अंदर और आसपास के क्षेत्र में जनरेटर के जरिए ही बिजली सप्लाई की जाएगी।
इधर मेले के लिए प्रशासन ने किराया तय किया है। एमपी सहित महाराष्ट्र से श्रद्धालु निजी और किराए के वाहनों से पचमढ़ी पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की नागद्वारी की यात्रा जलगली से शुरू होगी। श्रद्धालुओं की टोलियां लगभग दो दिन की पैदल यात्रा कर गहरी खाई में स्थित नागद्वारी गुफा में पहुंचेंगे। रास्ते में श्रद्धालुओं के ठहरने और विश्राम के लिए कैंप लगाए गए हैं। पेयजल और भोजन की व्यवसथा भी की गई है।
जंगल में दैनिक उपयोग की वस्तुओं विक्रय के लिए छोटी-छोटी दुकाने लगाई गई हैं। श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 16 कैंप लगाए हैं। इसमें चिकित्सक सहित नर्सिंग स्टॉफ मौजूद रहेगा।
नागद्वारी गुफा की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा पुलिस के लगभग 700 जवान सुरक्षा के लिए तैनात किए हैं।
नर्मदापुरम के जिला पंचायत सीईओ सोजान सिंह रावत बताते हैं कि 10 दिन के नागद्वारी मेले में इस बार लगभग 7 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। शुक्रवार से ही श्रद्धालुओं का आगमन होना शुरू हो गया था। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
नागद्वारी के लिए प्राय: एमपी के छिंदवाड़ा और पांढुर्णा के अलावा महाराष्ट्र के नागपुर, वर्धा सहित विदर्भ क्षेत्र से लाखों श्रद्धालु पद्मशेष महाराज के दर्शन करने आते हैं। इन श्रद्धालुओं को 20 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा तय करनी पड़ती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 7 पहाड़ियों की चढ़ाई चढ़नी होती है।
यह इलाका 2133 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में है। भक्तों को टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से होते हुए गुजरना पड़ता है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में इन दिनों करीब 64 बाघ हैं। खूंखार बाघों के इस रहवास से भी भक्त बिना डरे गुजर रहे हैं। नागपंचमी से पूर्व हर साल सावन के महीने में यहां यही नजारा दिखाई देता है।
Published on:
19 Jul 2025 07:50 pm
बड़ी खबरें
View Allनर्मदापुरम
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
