
mp narmada river projects ban water share gujarat maharashtra rajasthan (फोटो- Patrika)
MP News: अमरकंटक से गुजरात में खंभात की खाड़ी तक 1312 किलोमीटर में बहने वाली नर्मदा नदी पर मध्यप्रदेश में अब कोई नई सिंचाई परियोजना, बांध नहीं बनेगा। दरअसल, मप्र अपने हिस्से का पानी उपयोग कर रहा है। अब नर्मदा में बचा पानी राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात का है। (narmada river projects)
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (NVDA) के इंजीनियर अंकित दलाल के मुताबिक प्रदेश में अमरकंटक से सरदार सरोवर बांध की सीमा तक 1007 किमी में नर्मदा में 28 मिलियन एकड़ फीट पानी है। 1979 में बनाए गए नर्मदा जल विकास प्रधिकरण ने जल बंटवारा कर मप्र को 18.25, गुजरात को 9, राजस्थान को 0.5 और महाराष्ट्र को 0.25 मिलियन एकड़ फीट पानी का उपयोग करने की अनुमति दी थी। इसमें से प्रदेश में नर्मदा पर कई सिंचाई परियोजनाएं, बांध बनाए गए। नर्मदा में मिलने वाली सहायक नदियों पर भी विभिन्न लिफ्ट स्कीम है। मप्र 18.25 मिलियन एकड़ फीट पानी का उपयोग कर रहा है।
नर्मदा घाटी विकास परियोजना ने सिवनी मालवा (नर्मदापुरम) में लगभग 70 करोड़ की लागत से 4400 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली मोरंड गंजाल परियोजना-2 का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था। नदी में पानी नहीं होने से प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया है। बताया जाता है कि मप्र नर्मदा से अपने हिस्से का पानी ले चुका है. इसलिए प्रदेश में नर्मदा पर अब कोई नई परियोजना नहीं बनेगी।
मौरंड गंजाल परियोजना-2 में सिवनी मालवा क्षेत्र के 11 गांवों के किसानों को लाभ मिलता। यहां की 111 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो जाती। इसलिए जनप्रतिनिधियों और विभाग ने प्रस्ताव भेजा था। मोरंड-गंजाल पार्ट-1 परियोजना पर ग्रामीणों के विरोध के बावजूद काम शुरू कर दिया गया है। इसमें बांध निर्माण के लिए पर्यावरण और अन्य विभागीय अनुमतियां लेने का प्रक्रिया जारी है।
एनवीडीए नर्मदापुरम के परि. प्रशासक धनराज आकरे ने कहा कि नर्मदा नदी में पानी नहीं होने से मोरंड-गंजाल परियोजना-2 को निरस्त कर दिया गया है। नर्मदा नदी से मध्यप्रदेश अपने हिस्से का 18.25 एमएएफ पानी उपयोग कर रहा है। इसलिए मध्यप्रदेश में अब कोई परियोजना नर्मदा नदी पर नहीं आ सकती। , परि. प्रशासक, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण नर्मदापुरम
Published on:
31 Aug 2025 09:03 am
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