
rahul gandhi pachmarhi meeting (फोटो- सोशल मीडिया)
Rahul Gandhi Pachmarhi Meeting:नर्मदापुरम में पचमढ़ी में जारी कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने नसीहत दी कि आपस में समन्वय हो, एकला चलो की जगह आम सहमति से फैसले लिए जाएं। सभी को मिलकर काम करना है। मध्यप्रदेश में हम मालूम अंतर से चुनाव हारे हैं, मिलकर काम करेंगे तो सफलता जरुरी मिलेगी। कांग्रेस सरकार बनेगी। (MP News)
राहुल ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और प्रभारी समन्वय से काम करें। सभी नेताओं से समन्वय की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष की है। उन्होंने निर्देश दिए कि पॉलिटिकल अफेसर कमेटी (पीएसी) की बैठक अब हर माह हो, जिसमें राजनैतिक मामलों पर चर्चा होने के साथ आगे की रणनीति पर भी विचार मंथन हो।
बैठक नियमित होगी तो समन्वय की कमी भी नहीं रहेगी। राहुल ने इस बात पर नाखुशी जाहिर की कि वरिष्ठ नेताओं में समन्वय की कमी है। उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि सियासत ऐसी नहीं होना चाहिए कि पार्टी को नुकसान हो। नेताओं के अपने-अपने एजेंडा न हो, पार्टी हित में काम करें।
राहुल गांधी ने जिलाध्यक्षों को भी नसीहत दी। जिलाध्यक्षों की पाठशाला के दौरान राहुल ने स्पष्ट तौर पर कहा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा मत करो। वरिष्ठता का सम्मान होना चाहिए। हालांकि राहुल यह भी बोले कि आपके सम्मान का भी ध्यान रखा जाएगा। आपकी भी उपेक्षा नहीं होगी। यह भी कहा कि आपको पॉवर दिए जा रहे हैं। लेकिन पॉवर का दुरुपयोग न हो। पीसीसी यदि काम नहीं करेगी तो जिलाध्यक्षों के माध्यम से एआईसीसी सीधे काम कराएगी। एआईसीसी के दरवाजे जिलाध्यक्षों के लिए हमेशा खुले रहेंगे। आप सीधे हमारे संपर्क में रहोगे। राहुल यह भी बोले, नकारात्मकता से दूरी बनाएं।
वोटबैंक का जिक करते हुए राहुल ने कहा एससी, एसटी वोटर हमसे दूर हुआ है। यह हमारा कोर वोटर है, इसे दूर न जार्ने दें। आमजन के बीच पैठ बनाएं। घर-घर दस्तक दें। यह पहला मौका नहीं है जब राहुल ने समन्वय का पाठ पढ़ाया हो। पचमढ़ी में भी यही संदेश दिया।
असल में मध्यप्रदेश में अलग-अलग खेमों में बंटी कांग्रेस और गुटबाजी की खबर लगातार दिल्ली दरबार तक पहुंच रही है। इसको लेकर बैठक में राहुल गंभीर दिखे। बैठक के दौरान राहुल ने नेताओं से खुलकर बातचीत की। सभी को अपनी बात कहने मौका भी दिया। शुरुआत में कुछ नेता बोलने से बचते नजर आए, लेकिन जब बात शुरु हुई तो उन्होंने खुलकर बात रखना शुरु कर दी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कहा कि हमें सभी के सहयोग की जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सुझाव दिया कि सभी की सहमति से फैसले होना चाहिए। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हित में बयान दिया था, उससे किसी को नाराज होने की जरूरत नहीं।
वरिष्ठ नेताओं की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को 3 साल का प्लान सौंपा। जिसमें बताया कि मप्र में चुनाव में जीत और संगठन की मजबूती के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए।
ये प्रमुख नेता बैठक में रहे मौजूद बैठक में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री कलेश्वर पटेल, गोविंद सिंह, अजय सिंह, विवेक तन्खा, अशोक सिंह मौजूद रहे।
राहुल गांधी ने जिलाध्यक्षों से संवाद किया। प्रशिक्षण स्थल पर सभी जिलाध्यक्ष जमीन पर बैठे थे। राहुल गांधी उनके बीच पहुंचकर चर्चा की। राहुल अपनी चिरपरित अंदाज में खड़े होकर जिलाध्यक्षों से बात करते नजर आए। प्रशिक्षण स्थल पर जिलाध्यक्ष के अलावा किसी अन्य को मौजूद रहने की इजाजत नहीं थी। यहां भी राहुल ने संगठन को मजबूत करने की बात कही। साथ ही जिलाध्यक्षों के बीच यह भी दोहराया कि जिलाध्यक्ष पॉवरफुल हैं, उनके निर्णय मान्य होंगे।
पार्टी में निर्णय ऊपर से नहीं थोपे जाएंगे, निचले स्तर से निर्णय होंगे। मतदाता चयन में भी जिलाध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। यहां राहुल ने बदलती राजनीति पर भी चर्चा की। जिलाध्यक्षों के साथ बैठक और प्रशिक्षण के बाद राहुल ने उनके परिजनों के साथ रात्रि भोज भी किया। जिला अध्यक्षों के परिजनों से मुलाकात में राहुल ने बच्चों को दुलार किया। उनको गोद में लेकर नाम पूछा। स्कूलों के बारे बात की। परिवारों के हालचाल जाने।
राहुल का फोकस संगठन को मजबूत करने को लेकर रहा। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से कहा कि समन्वय से काम होंगे तो कार्यकर्ताओं में भी अच्छा संदेश जाएगा। संगठन को जिला, ब्लॉक, तहसील और पंचायत स्तर पर मजबूत करना है। इसके लिए सभी को संगठित एवं एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
राहुल गांधी को तय कार्यकम के अनुसार पचमढ़ी में महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल पर पहुंचना था। यहां माल्यार्पण करना था, लेकिन देरी से आने के कारण राहुल वहां नहीं पहुंचे। राहुल के आने की सूचना पर उन्हें देखने कई लोग यहां पहुंचे थे। लेकिन राहुल के वहां नहीं पहुंचने पर निराश हुए। प्रतिमा स्थल पर पुरानी तस्वीरों की गैलरी लगी है। राहुल रविवार को प्रतिमा स्थल पर पहुंचेंगे।
होटल हाइलैंड में जिला अध्यक्षों के साथ सहभोज में राहुल गांधी ने पारंपरिक भोजन किया। भोजन में जलेबी, राबड़ी के साथ बाजरा की रोटी और सिलबट्टे पर बनाइ गई। हरी चटनी भी खूब पसंद की। सहभोज में राहुल सीधे ओपन किचन में गए। खानसामा से एक एक व्यंजन लेकर स्वाद लिया। एमपीटी ने सहभोज में दो दर्जन से अधिक व्यंजन शामिल किए थे। भोजन में चटनी के साथ बाजरा और मक्के के आटे की रोटी राहुल को पसंद आई। उन्होंने इसके बारे में खानसामा से भी पूछा।
यह भी पूछा कि यह रोटी कैसे बनती है। (MP News)
Published on:
09 Nov 2025 07:44 am
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