शक्तिशाली बीजेपी से मुकाबले की तैयारी
नगालैंड में चुनाव से एक साल पहले बड़ी उलटफेर हुई है। पूर्वोत्तर की राजनीति में क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार एनडीपीपी नेता और नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो शक्तिशाली भाजपा से मुकाबला करने को तैयार हैं। रियो ने विपक्ष नेताओ को करारा जवाब दिया है। क्योंकि वे राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे है। इस प्रकार से आने वाले चुनाव में रियो अपनी पार्टी को और मजबूत करने की तैयार में जुट गए है।
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विपक्ष में अब केवल 4 विधायक बचे
एनपीएफ के इन विधायकों के दल बदलने के बाद एनडीपीपी पार्टी के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में अब 42 विधायक हैं। एनपीएफ के पास पहले 25 विधायक थे। विधानसभा में एनपीएफ के पास अब चार विधायक हैं। जबकि भाजपा के पास 12 और दो निर्दलीय विधायक हैं। विधानसभा अध्यक्ष शरिंगेन लॉन्गकुमार ने 21 एनपीएफ विधायकों के पार्टी बदलने के फैसले को स्वीकार कर लिया है।
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NPF को बड़ा झटका
आपको बता दें कि नगा पीपुल्स फ्रंट नगालैंड के साथ पड़ोसी राज्य मणिपुर में भी सक्रिय है। मणिपुर में NPF के 5 विधायक हैं। यहां पर बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को एनपीएफ ने समर्थन दिया है। ए. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में नगा पीपुल्स फ्रंट के 2 को मंत्री बनाया गया है। ऐसे में NPF के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है।