मंदिर पर हमले के खिलाफ एक्शन की मांग
हिंसा के दौरान काली मंदिर पर हमला किया गया। इसके विरोध में आज शिवसेना हिंदुस्तान नाम के हिंदू संगठन ने पटियाला में बंद का ऐलान किया है। संगठन के अध्यक्ष पवन गुप्ता का कहना है कि मार्च से काली मंदिर का कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन फिर भी खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर पर हमला करके बेअदबी की है। उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करेंगे।
पटिलाया हिंसा के लिए AAP नेता राघव चड्ढा ने शिव सेना, कांग्रेस व अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने ठहराया जिम्मेदार
लगाना पड़ा कर्फ्यू
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह ने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है। हिंसक झड़प के बाद स्थानीय प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जिले में कर्फ्यू लगाया गया। यह कर्फ्यू शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे के बीच लागू रहा। इस घटना के कुछ घंटे बाद पुलिस ने शिवसेना (बाल ठाकरे) नामक एक ग्रुप के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला को बिना अनुमति के जुलूस निकालने और हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया।
हिंसा में 2 पुलिसकर्मी सहित 4 लोग घायल
एसएसपी नानक सिंह के मुताबिक खालिस्तान विरोधी मार्च के दौरान हिंसा में 4 लोग घायल हुए हैं। इनमें 2 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। घायल होने वाले पुलिसकर्मियों में एक पंजाब पुलिस का इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाकर घटना की तुरंत जांच करने के आदेश दिए हैं।
सीएम भगवंत मान ने दिए जांच के आदेश
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले में एक्शन लेने की बात कही है। मान ने ट्वीट किया, पटियाला में हुई घटना पर DGP और सभी बड़े अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। मामले की तुरंत जाँच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को सख़्त हिदायत दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए। पंजाब विरोधी ताकतों को किसी भी कीमत पर पंजाब की शांति भंग नहीं करने दी जाएगी।
नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्विटर पर लिखा, पंजाबी हमारे गुरु के सार्वभौमिक भाईचारे और एकता की शिक्षाओं से बंधे हैं। हमारे समाज में किसी भी असामाजिक तत्व को फूट डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पटियाला की घटना पंजाब सरकार की भीड़ का अनुमान लगाने और उसे नियंत्रित करने में घोर नाकामयाबी के कारण हुई। जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।