
AAP a real threat for Congress, national party tag can wipe out Congress
आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय दल के दर्जे से केवल एक कदम दूर है। दिल्ली सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, पंजाब के बाद गोवा में भी पारी को राज्य स्तरीय पार्टी की मान्यता मिल गई है। एक और राज्य में मान्यता मिलने के साथ ही उनकी पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता मिल जाएगी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि यदि आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता मिलती है तो ये किस पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरेगी, बीजेपी या कांग्रेस? इसका जवाब पिछले कुछ चुनाव के समीकरणों और AAP के प्रदर्शन में छिपे हैं।
दूर जाने की बजाय पंजाब को ही देख लेते हैं जहां कांग्रेस को सत्ता से हटाकर पूर्ण बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी ने सता हासिल की है। पंजाब में 117 में से 92 विधानसभा सीटों पर आप ने जीत दर्ज की थी। पंजाब में ये पार्टी एक बड़े विकल्प के रूप में उभरी जहां सत्ता पारंपरिक रूप से शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के बीच ही बदलती रही है। दिल्ली मॉडल, महिलाओं और युवाओं के लिए अहम घोषणाएं इस पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हुईं।
दिल्ली में भी कांग्रेस का ही शासन था और यहाँ भी आम आदमी पार्टी की सुनामी देखने को मिली। नई पार्टी के रूप में उभरी AAP जनता के मन में बदलाव का जोश भरने में सफल रही और महंगाई से राहत के लिए आम आदमी पार्टी को एक बड़े विकल्प के रूप में देखने लगी। वर्ष 2015 में इस पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। वहीं, कांग्रेस अपना खाता भी खोल नहीं पाई थी। इसके बाद 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में भी 70 में से 62 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का सुपड़ा साफ कर दिया था।
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गोवा में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही टक्कर देखने को मिली है लेकिन यहाँ भी आम आदमी पार्टी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है। इस वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में आप ने सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इन चुनावों में पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब भी रही जबकि कांग्रेस यहाँ कमजोर हो रही है। आम आदमी पार्टी के कारण यहाँ कांग्रेस का समीकरण बिगड़ा है। इससे पहले गोवा के पंचायत चुनाव के नतीजों को भी देखें तो आम आदमी पार्टी जमीनी स्तर पर कांग्रेस का विकल्प बनकर उभर रही है।
गुजरात में वर्ष 2017-18 से ही पार्टी ने अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी थी। यहाँ कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से हटाने में जुटी है तो आप उसकी जमीन ही खोद रही है। वर्ष 2021 में गुजरात नगर निगम चुनाव में भले ही बीजेपी को जीत मिली थी लेकिन आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को पीछे छोड़ जबरदस्त छाप छोड़ी थी। यहाँ 120 में से 93 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी और दूसरी पार्टी के रूप में आम आदमी पार्टी को 27 सीटें मिली थीं। कांग्रेस का सूरत से सुपदा साफ करने के बाद केजरीवाल ने कहा भी था कि वो नयी राजनीति की शुरुआत कर रहे हैं और जल्द ही कांग्रेस खत्म होगी। आप का मानना है कि जब्तक कांग्रेस खत्म नहीं होती बीजेपी की सरकार बनती रहेगी।
इन सभी राज्यों को देखें तो कांग्रेस के तर्ज पर आम आदमी पार्टी आगे बढ़ रही है। कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने से लेकर उसे सत्ता से हटाने तक में आम आदमी पार्टी आगे दिखाई देती है।
अब अगर गुजरात में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को पीछे कर खुद को बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित किया तो उसे राष्ट्रीय दल का दर्जा मिल जाएगा। इस तरह से वर्ष 2024 के चुनावों में वो अपने विकास का कार्यों और कांग्रेस के आंतरिक कलहों का लाभ उठा सकती है।
कांग्रेस के पास पीएम मोदी का का विकल्प नहीं है और न ही उसके पास बड़े नेता बचे हैं। कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं तो चिदंबरम जैसे नेता भ्रष्टाचार के आरोपों को झेल रहे हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी कांग्रेस की कमजोर नब्ज पर वार कर उसे राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
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Published on:
09 Aug 2022 05:45 pm
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