6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार के बाद अब पूरे देश में होगा SIR, चुनाव आयोग ने अधिकारियों को 30 सितंबर तक तैयार रहने के दिए निर्देश

 EC के अधिकारियों ने निर्देश दिया कि वे अपने पिछले गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूचियों को एसआईआर (SIR) के लिए आधार रेखा के रूप में तैयार करें।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Ashib Khan

Sep 21, 2025

पूरे देश में होगा SIR

पूरे देश में होगा SIR (Photo-X @dmbettiah)

Special Intensive Revision: बिहार के बाद अब पूरे देश में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) होगा। इसको लेकर चुनाव आयोग ने सभी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 30 सितंबर तक तैयार रहने के निर्देश दिए है। EC का यह निर्देश इस बात का संकेत है कि अक्टूबर-नवंबर की शुरुआत में वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने का काम शुरू हो सकता है।

अधिकारियों को दिए निर्देश

 EC के अधिकारियों ने निर्देश दिया कि वे अपने पिछले गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूचियों को एसआईआर (SIR) के लिए आधार रेखा के रूप में तैयार करें। कई राज्यों ने ये सूचियां अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर पहले ही अपलोड कर दी हैं। 

30 सितंबर तक का दिया समय

दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में ईसी के अधिकारियों ने राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से 10-15 दिनों के भीतर संशोधन प्रक्रिया के लिए तैयार रहने को कहा। प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए चुनाव आयोग ने 30 सितंबर की एक निश्चित समय-सीमा तय की है।

वेबसाइट पर अपलोड है वोटर लिस्ट

बता दें कि दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की वोटर लिस्ट अपलोड है। वहीं उत्तराखंड में 2006 में अंतिम बार एसआईआर हुआ था, उस साल की वोटर लिस्ट प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। 

पूरे देश में होगा SIR

चुनाव आयोग ने कहा कि पूरे देश में एसआईआर को लागू किया जाएगा। हाल ही में बिहार में वोटर लिस्ट रीविजन अभियान चलाया गया था। दरअसल, बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है, जबकि अगले साल 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

SIR पर संग्राम

बिहार में वोटर लिस्ट रीविजन अभियान को लेकर सड़क से लेकर संसद तक विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। एसआईआर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम को जारी करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के इस आदेश के बाद चुनाव आयोग ने हटाए गए नामों की लिस्ट भी जारी की थी। SIR को लेकर विपक्ष मानसून सत्र में संसद में चर्चा करना चाहता था लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी।