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ऑपरेशन सिंदूर में तेजस ने पाकिस्तान के छुड़ाए थे छक्के: जानें स्वदेशी लड़ाकू विमान की खूबियां,क्षमता और ताकत

Tejas Fighter Jet India:भारतीय वायुसेना के विमान तेजस ने मई 2025 के ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तानी JF-17 को आसानी से मात दी और स्वदेशी ताकत का लोहा मनवाया था।

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भारत

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MI Zahir

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M. I. Zahir

Nov 21, 2025

Tejas (Image Source: IANS)

Tejas Fighter Jet India: भारत ने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor Tejas) के समय भारतीय वायुसेना के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (Tejas Fighter Jet India) के माध्यम से पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे। यह स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस भारत की शान माना जाता है। यह न सिर्फ हल्का और तेज लड़ाकू विमान है, बल्कि आधुनिक युद्ध की हर चुनौती से निपटने में माहिर है। डीआरडीओ और एचएएल ने इसे 1983 के एलसीए प्रोग्राम के तहत विकसित किया था। लेकिन दुबई एयर शो (Tejas Dubai Crash 2025) में हुए क्रैश ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए जानें तेजस की ताकत, क्षमता, सफलताएं और दुर्घटनाएं।

भारत ने कैसे बनाया तेजस? डीआरडीओ-वायुसेना का योगदान

प्रतिरक्षा सूत्रों के अनुसार स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने डिजाइन किया, जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बनाया। यह प्रोजेक्ट 1984 में शुरू हुआ, जो मौत के ताबूत कहे जाने वाले मिग-21 की जगह लेने के लिए था। इसने सन 2001 में पहली उड़ान भरी। वायुसेना के अनुसार, यह 4.5 जेनरेशन का मल्टीरोल फाइटर है – हवा से हवा, जमीन पर हमला और समुद्री मिशन, सबकुछ तेजी से कर सकता है। इसके लिए डीआरडीओ ने उत्तम रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और स्वदेशी मिसाइलें दीं। इसके 60% से ज्यादा पार्ट्स भारत में बने हुए हैं। ध्यान रहे कि सन 2016 में पहला स्क्वाड्रन (नंबर 45, फ्लाइंग डैगर्स) शामिल हुआ था।

तेजस की मुख्य खूबियां और क्षमता: हल्का लेकिन घातक (Tejas vs JF-17)

स्वदेशी विमान तेजस दुनिया का सबसे हल्का सुपरसोनिक फाइटर है –इसका वजन सिर्फ 6.5 टन, लंबाई 13.2 मीटर है। डेल्टा विंग डिजाइन से 9G तक मैन्यूवर कर सकता है। इंजन जीई F404-IN20 (84 kN थ्रस्ट) से अधिक 1.8 गति और इसकी रेंज 3,200 किलोमीटर है। पेलोड 3.5 टन – 4 BVR मिसाइलें (अस्त्र Mk1), 2 क्लोज कॉम्बैट मिसाइलें (R-73), बम और रॉकेट। डीआरडीओ का 'स्वयं रक्षा कवच' EW सूट दुश्मन रडार से बचाता है। इसका उत्तम AESA रडार 18 मोड्स में काम करता है – 4 टारगेट एक साथ लॉक करता है। इसके कॉकपिट में HUD, MFD स्क्रीन और जीरो-जीरो इजेक्शन सीटें हैं। Mk1A वर्जन में 70% स्वदेशी कंटेंट हैं। कुल 40+ तेजस IAF में, 97 Mk1A का ऑर्डर है।

तेजस ने कब-कब ताकत दिखाई: सफल मिशन और ऑपरेशन

भारतीय वायुसेना के अनुसार तेजस ने अब तक 2,400 से ज्यादा टेस्ट उड़ानें पूरी कर ली हैं और 50,000 फीट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन सिस्टम का सफल परीक्षण भी कर चुका है। असली मैदान में भी इसने कमाल दिखाया है:

ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025): पाकिस्तानी सीमा पर हवाई गश्त और ग्राउंड अटैक मिशन में तेजस ने JF-17 को बुरी तरह पीछे छोड़ा। बीवीआर मिसाइलों से लॉक किया, रात में हेलीकॉप्टरों को सुरक्षित कवर दिया और सु-30 व राफेल के साथ मिलकर ब्रह्मोस व स्कैल्प मिसाइलें दागीं।
अरेबियन सी MUM-T टेस्ट (अक्टूबर 2025): ड्रोन के साथ पहली बार लाइव सेंसर फ्यूजन करके बिल्कुल सटीक हमला किया – ये तकनीक दुनिया के चुनिंदा देशों के पास है।

तरंग शक्ति एक्सरसाइज 2024: फ्रांस का राफेल, जर्मनी का यूरोफाइटर टाइफून समेत 12 देशों के फाइटर से भिड़ंत हुई। तेजस ने करतब दिखा कर सबको हैरान कर दिया, विदेशी पायलटों ने तारीफ में कसीदे पढ़े।
अस्त्र मिसाइल टेस्ट (मार्च 2025): गोवा तट से उड़ते हुए ड्रोन टारगेट पर सीधा निशाना लगाया – एक भी चूक नहीं।

वायु शक्ति फायर पावर डेमो (2024): पोकरण में लाइव बॉम्बिंग कर के दिखाया कि निशाना कितना सटीक है।

डेजर्ट फ्लैग 2023 (UAE): पहली बार विदेशी धरती पर 5 तेजस गए और अमेरिकी F-16, फ्रेंच राफेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उड़े। इन सबने तेजस को दुनिया के सामने एक भरोसेमंद लड़ाकू विमान साबित कर दिया।

कड़वी सच्चाई: हादसे और उनसे मिले सबक

हालांकि ज्यादातर समय तेजस बेदाग रहा, लेकिन दो हादसों ने सबको झकझोर दिया:

पहला हादसा मार्च 2024 :राजस्थान के जैसलमेर के पास ट्रेनिंग के दौरान क्रैश हुआ, सौभाग्य से पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए।

दूसरा और दर्दनाक हादसा: 21 नवंबर 2025, दुबई एयर शो में दोपहर 2:10 बजे प्रदर्शन के वक्त तेजस अचानक नीचे आया, दर्शकों से दूर गिरा और आग का गोला बन गया। पायलट का इजेक्शन नहीं हो सका और देश ने अपना बहादुर बेटा खो दिया।