
Historic decisions of 17th Lok Sabha : लोकसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का संसद का आखिरी सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में लोकसभा में लेखानुदान पारित कराने के अलावा कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य होंगे। यों तो हर लोकसभा अपने हर कार्यकाल के लिए अलग-अलग कारणों से जानी जाती है, लेकिन मौजूदा 17वीं लोकसभा में कुछ ऐसे कार्य हुए जिनकी चर्चा दशकों तक होती रहेगी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना, लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण और आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव के तीन ऐतिहासिक विधेयकों का पारित होना खास मायने रखता है। सत्रहवीं लोकसभा के दौरान ही 76 साल पुराने संसद भवन से नए संसद भवन में जाना भी देश के लिए गौरव का पल रहा। लोकसभा का 93 फीसदी से ज्यादा औसत उत्पादकता हासिल करना भी संसदीय कामकाज के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा सकता है।
265 बैठकों में 210 विधेयकों का पारित
अब तक हुई 265 बैठकों में 210 विधेयकों का पारित होना कई मायनों में उल्लेखनीय उपलब्धि माना जा सकता है। अब तक हुए 14 सत्रों में लोकसभा टकराव और हंगामे की साक्षी भी रही, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अपनी सुझबूझ से सदन की गरिमा बनाए रखने में सफल रहे। विपक्षी दलों को विश्वास में लेकर बिरला ने सदन की कार्रवाई चलाई, जिसकी सर्वत्र सराहना भी हुई। 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र में एक फरवरी को सरकार अपना आखरी बजट पेश करेगी। इस अंतरिम बजट में सरकार किसानों और महिलाओं के लिए बड़े ऐलान कर सकती है।
राहुल गांधी की रही चर्चा
मानहानि केस में कोर्ट के फैसले के बाद 24 मार्च 2023 को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि केस में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के फैसले को रोक दिया था, तब सदस्यता पुन: बहाल हुई।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम: हट गई 370
आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 चर्चा में रहा है। भाजपा इसे हटाने पर जोर देती रही। मोदी सरकार के इस कार्यकाल में अनुच्छेद 370 हट गया। गृहमंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम विधेयक राज्यसभा में पेश किया था। इसके तत्काल बाद लोकसभा में पारित किया। इसमें जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। 9 अगस्त 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हट गया।
नया संसद भवन मिला
सितंबर, 2023 का महीना एक ऐतिहासिक अवसर था जब देश को नए संसद भवन का उपहार मिला। संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया जो 18 सितंबर, 2023 को पुराने संसद भवन में शुरू हुआ, जिसमें दोनों सदनों में संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा, उपलब्धियां, और अनुभवों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने 19 सितंबर, 2023 को सेंट्रल हॉल में संसद सदस्यों को संबोधित किया। उसके बाद दोनों सदनों ने नए संसद भवन में अपनी कार्यवाही शुरू की।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम
नए संसद भवन में सदन का विशेष सत्र एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना जब महिलाओं को अधिक भागीदारी के लिए लोकसभा, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानमंडलों में एक तिहाई आरक्षण देने के लिए "नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023" पारित किया गया।
17वीं लोकसभा अब तक
- 14 सत्र हुए हैं, 15वां बुधवार से
- 265 बैठकें हुई अब तक
- 210 विधेयक पारित हुए
- 1292 घंटे 4 मिनट चली लोकसभा की कार्यवाही
- 93.29 प्रतिशत कुल औसत उत्पादकता रही
- 167 प्रश्न सबसे ज्यादा सदस्य सुप्रिया सुले ने पूछे
- 19 सितंबर 2023 को नए संसद भवन में पहली बैठक हुई
- 433 घंटे 19 मिनट व्यवधान में खराब हुए
- 113 सांसदों को निलम्बन हुआ 14वें सत्र तक
- 1 सांसद महुआ मोइत्रा निष्कासित हुई
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इतिहास के झरोखे से
- 15 सत्र हुए थे पहली लोकसभा में 614 बैठकें
- 16 सत्र हुए थे दूसरी लोकसभा में 560 बैठकें
- 468 दिन औसत बैठकें हुई लोकसभा के हर कार्यकाल में
- 2689 घंटे कार्यवाही औसतन चली हर कार्यकाल में
ये महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित
- इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता (संशोधन) विधेयक 2021
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019
- डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023
- मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण 2019
- विदेशी अंशदान (विनियमन) विधेयक 2020
- चुनाव कानून संशोधन विधेयक 2021
- भारतीय न्याय संहिता 2023
- भारतीय सुरक्षा संहिता 2023
- भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023
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Published on:
30 Jan 2024 08:30 am
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