पहले जानिए ओडिशा के मुख्य सचिव ने क्या दी जानकारी
मरने वालों की संख्या में क्यों आया अंतर?
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीव जेना ने कहा कि कल रेलवे ने साझा किया था कि मरने वालों की संख्या 288 हो चुकी है। कल रात DM और उनकी पूरी टीम ने एक-एक शव की जांच की। DM द्वारा डेटा की जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई है, इसलिए मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मरने वालों का डीएनए भी सुरक्षित रखा जा रहा है।
793 घायलों को इलाज के बाद मिली छुट्टी
प्रदीप जेना ने आगे बताया कि इस हादसे में 1,175 लोग घायल हुए। जिसमें से 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। यह आंकड़ा दोपहर 2 बजे के आसपास अपडेट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी भी कई लोग अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। घायल यात्रियों के इलाज के लिए डॉक्टरों की पूरी टीम लगी है। मुख्य सचिव से पहले रेल मंत्री ने बताया कि अधिकतर घायलों का अपने परिजनों से संपर्क हो चुका है।
अब जानिए रेलवे बोर्ड ने हादसे पर क्या कुछ कहा
रेलवे बोर्ड ने बताया कि रात तक दो लाइन हो जाएगी क्लियर
दूसरी ओर दिल्ली में रेलवे संचालन व्यवसाय विकास की मेंबर जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। डाउन लाइन को क्लियर किया जा चुका है। आज रात 8 बजे तक दो लाइन को क्लियर कराने की कोशिश की जा रही है।
शुरुआती जांच में सिग्नल में गड़बड़ी की बात आई सामने
रेलवे बोर्ड की मेंबर जया सिन्हा ने बताया कि हादसे वाले बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं। इसमें 2 मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक माल गाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिली थी। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में मुख्य रूप से कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन आई थी।
यह भी पढ़ें – Balasore Train Accident: रेल हादसे पर कांग्रेस ने पीएम मोदी से किए 9 सवाल
कोरोमंडल 128 तो यशवंतपुर 126 की स्पीड से थी
जया सिन्हा ने आगे बताया कि हादसे के समय कोरोमंडल एक्सप्रेस 128 तो यशवंतपुर एक्सप्रेस 126 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल रही थी। हादसे की सूचना मिलने के मात्र 20 मिनट में टीम वहां पहुंच गई थी। रेलवे बोर्ड की सदस्य ने यह जानकारी दोनों ट्रेनों के ड्राइवरों से हुई बातचीत के आधार पर दी। कोरोमंडल के ड्राइवर ने बताया कि उन्होंने ग्रीन सिग्नल देखा था।
मालगाड़ी नहीं हुई बेपटरी, कोरोमंडल को ज्यादा क्षति
रेलवे बोर्ड की मेंबर ने आगे बताया कि हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। हादसे के बाद कोरोमंडल की कई बोगियां डाउन लाइन पर आ गई। दूसरी ओर से यशवंतपुर एक्सप्रेस जा रही थी। यशवंतपुर एक्सप्रेस की दो बोगियां भी हादसे की चपेट में आई। जबकि एक लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। उसकी बोगियां बेपटरी नहीं हुई।
मृतकों को 10-10 लाख के मुआवजे का ऐलान
रेलवे ने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को 10-10 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। बालासोर में दक्षिण पूर्व रेलवे के CPRO आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि हम जल्द से जल्द कार्य खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां 4-5 डिविजन और 2-3 ज़ोन की टीम काम कर रही है। यहां रेलवे के सारे अधिकारी मौजूद हैं।
ट्रैक लिकिंग का कार्य तेजी से जारी
आदित्य कुमार चौधरी ने आगे बताया कि, जितनी भी बोगी पलटीं थीं उनको हटा दिया है। मालगाड़ी की 3 में से 2 बोगियों को हटा दिया गया है और तीसरे को हटाया जा रहा है। थोड़ी देर में ट्रैक को भी साफ कर दिया जाएगा। अभी OHE का काम किया जा रहा है और दूसरी तरफ से ट्रैक लिंकिंग का कार्य चल रहा है।
यह भी पढ़ें – सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बालासोर रेल हादसे की जांच का मामला, ‘कवच’ सिस्टम लागू करने की मांग