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बिहार में SIR को लेकर आई बड़ी अपडेट, 35 लाख से ज्यादा लोगों के कट जाएंगे नाम, EC ने जारी किए आंकडे

Special Intensive Revision: SIR को लेकर चुनाव आयोग ने ताजा आंकड़े जारी किए है, जिनके मुताबिक 1.59 प्रतिशत मतदाता यानी 12.5 लाख की मौत हो चुकी है।

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पटना

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Ashib Khan

Jul 14, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR को लेकर आई बड़ी अपडेट (Photo- @ECISVEEP)

Bihar Election Voter List: बिहार में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। इसी बीच इसको लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी अपडेट में बताया गया कि 35.5 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट (Bihar Election Voter List) में नहीं होंगे। ईसी ने बताया कि अब तक 6.6 करोड़ मतदाताओं ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं। यह राज्य के कुल मतदाताओं का 88.18% है। मतदाताओं के पास 25 जुलाई तक अपने फॉर्म जमा करने का समय है, जिसके बाद मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने जारी किए ताजा आंकड़े

SIR को लेकर चुनाव आयोग ने ताजा आंकड़े जारी किए है, जिनके मुताबिक 1.59 प्रतिशत मतदाता यानी 12.5 लाख की मौत हो चुकी है। इन वोटर्स के नाम सूची में शामिल है। इसके अलावा 2.2 प्रतिशत यानी 17.5 लाख वोटर्स स्थायी रूप से बिहार से चले गए हैं इनके नाम भी वोटर लिस्ट में बने हुए हैं, जो कि अब प्रदेश में मतदान के पात्र नहीं है। वहीं 0.73 प्रतिशत यानी करीब 5.5 लाख मतदाता दो बार पंजीकृत पाए गए हैं।

35.5 लाख लोगों के हटेंगे नाम

बता दें कि बिहार में करीब 35.5 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट (35.5 lakh voters will be removed) से हटा दिए जाएंगे। दरअसल, यह कुल मतदाताओं का 4.5 प्रतिशत से भी ज्यादा है, जो कि आगामी विधानसभा चुनाव में से पहले एक बड़ा बदलाव के रूप में देखा जा सकता है।

वोटर लिस्ट में मिले विदेशी लोगों के नाम

इसके अलावा, कुछ विदेशी नागरिकों, जैसे नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट में पाए गए, जिनकी जांच के लिए 1 से 30 अगस्त तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। आयोग ने स्पष्ट किया कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हो सकते हैं और गलत दस्तावेजों वाले नाम अंतिम सूची से हटाए जाएंगे।

EC ने SIR को बताया जरूरी

बता दें कि चुनाव आयोग ने SIR को मतदाता सूची को सटीक और विश्वसनीय बनाने के लिए जरूरी बताया है, लेकिन विपक्ष ने इसे गरीब, दलित और प्रवासी मजदूरों के वोटिंग अधिकारों पर हमला करार दिया है। यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जहां इसकी वैधानिकता और प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

विपक्ष ने SIR पर उठाए सवाल

विपक्षी दलों (RJD, कांग्रेस, और अन्य) ने इस प्रक्रिया को लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर 1% वोटरों के नाम भी कटे, तो 7.9 लाख मतदाता प्रभावित होंगे, जो 2020 के चुनाव में 35 सीटों पर जीत-हार का अंतर था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया जानबूझकर गरीब, दलित, और प्रवासी मजदूरों को निशाना बना रही है, जिनके पास जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट या अन्य सरकारी दस्तावेज नहीं हैं।