
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के तीन चरण संपन्न हो गए है। चौथे के लिए 13 मई को मतदान किया जाएगा। इस चरण में भी कई हॉट सीट है, इनमें से एक है बिहार के बेगूसराय। यह सीट को बिहार का 'लेनिनग्राद' माना जाता है। बेगूसराय सीट से भारतीय जनता पार्टी ने अपने फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर एक बार फिर दांव लगाया है। उनके पास भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने महागठबंधन के साझा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व विधायक अवधेश राय को चुनाव मैदान में उतारा है।
एक बार फिर से बेगूसराय सीट से गिरिराज सिंह चुनावी मैदान में है। यह भूमिहार बहुल सीट है। बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज भूमिहार जाति से आते हैं। वहीं सीपीआई उम्मीदवार अवधेश राय यादव जाति से आते हैं। गिरिराज और अवधेश दोनों प्रत्याशी इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोकसभा सांसद और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। गिरिराज सिंह का जन्म 1952 में लखीसराय जिले के बड़हिया में भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। लखीसराय जिले के बड़हिया निवासी गिरिराज सिंह 1971 में मगध विश्वविद्यालय से स्नातक पास हैं। गिरिराज सिंह की पत्नी का नाम उमा सिन्हा है और उनकी एकमात्र बेटी है। गिरिराज सिंह के हिंदुत्व चेहरे का भी लाभ मिलना तय है। उनकी भूमिहार, सवर्णो, कुर्मी और अति पिछड़ा वर्ग पर अच्छी पकड़ है।
भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह और उनकी पत्नी संपत्ति के मामले में धनी हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर उनके द्वारा दायर हलफनामा की बात करें तो गिरिराज सिंह के पास नकद एक लाख 96 हजार पांच सौ रुपए एवं पत्नी उमा सिन्हा के पास नकद एक लाख 46 हजार रुपए हैं। वहीं उनके पास दो करोड़ व पत्नी के नाम सवा करोड़ चल संपत्ति है। बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से एनडीए के भाजपा उम्मीदवार के बैंक खाता में 43 लाख 82 हजार 577 रुपए तो पत्नी के खाता में 47 हजार 672 रुपए हैं। बीजेनी नेता के पास सिर्फ 15 ग्राम सोना है, जबकि पत्नी के पास 120 ग्राम सोना एवं दो सौ ग्राम चांदी है।
भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ पटना, समस्तीपुर एवं बेगूसराय में तीन आपराधिक मामले दायर हैं। दायर मामलों में भूमि स्वामित्व, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन आदि का आरोप है। हालांकि अपने गिरिराज सिंह अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में छाए रहते हैं।
बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह के राजनीतिक करियर की बात करें तो वे साल 2002 में पहली बार बिहार विधानपरिषद के सदस्य यानि एमएलसी चुने गए थे। गिरिराज सिंह शुरू से ही पीएम नरेंद्र मोदी के मुरीद रहे हैं। साल 2008 से 2010 के बीच नीतीश कुमार की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। इसके बाद नीतीश सरकार में 2010 से 2013 तक पशुपालन और डेयरी मंत्री रहे थे। साल 2014 में वह केंद्र की राजनीति में आ गए। गिरिराज को बीजेपी ने नवादा सीट से लोकसभा चुनाव में उतारा और उन्होंने राजद के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की।
2019 के लोकसभा चुनावों में उनको फिर मौका दिया गया। लेकिन इस बार उनकी सीट बदल दी गई थी। इस बार उनको नवादा की जगह बेगूसराय से उतारा गया था। 2019 के लोकसभा चुनावों में वह बिहार के बेगूसराय से चुनावी मैदान में उतरे थे। उनका मुकाबला जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार से था। गिरिराज सिंह को 687577, कन्हैया कुमार को 269976 और तनवीर हसन 196800 वोट मिले।
Published on:
11 May 2024 03:06 pm
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