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झारखंड के बाद अब बिहार के कई स्कूलों ने रविवार की जगह कर दी शुक्रवार की छुट्टी, सरकार से भी नहीं ली कोई अनुमति

इन स्कूल के स्थापना काल से ही यह परंपरा यहां चली आ रही है। यहां इन शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर छुट्टी दी जाती है। जबकी इसे लेकर कोई सरकारी आदेश भी नहीं दिया गया। वहीं रविवार को इन स्कूलों में पढ़ाई होती है।

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Archana Keshri

Jul 22, 2022

Bihar schools have made Friday holiday instead of Sunday in Muslim majority areas

Bihar schools have made Friday holiday instead of Sunday in Muslim majority areas

झारखंड के बाद बिहार के भी कुछ स्कूलों पर मनमाने नियम लागू किए जा रहे हैं। खबर मिली है कि किशनगंज जिले में वहां के स्थानीय लोगों ने सरकारी नियमों को तोड़ते हुए स्कूलों पर मनमाने नियम थोप दिए हैं। इस जिले में 19 स्कूल ऐसे हैं जहां की मुस्लिम आबादी ज्यादा होने की वजह से साप्ताहिक छुट्टी रविवार से बदलकर शुक्रवार कर दी गई है और जुमा अकाश बना दिया गया है। वहीं रविवार को इन स्कूलों में पढ़ाई कराई जाती है।

शिक्षा विभाग का मानना है कि मुस्लिम बहुल इलाका होने और स्कूलों में अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने की वजह से ऐसी परंपरा शुरु से चली आ रही है। मगर इस संबंध में कहीं से कोई आदेश नहीं दिया गया है। अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने के कारण इन स्कूलों में शुक्रवार को नमाज पढ़ने की छुट्टी दी जा रही है। जबकि ये स्कूल उर्दू स्कूल भी नहीं है।

एक स्कूल के प्रिंसिपल के अनुसार, यह स्कूल हिंदी स्कूल है और यहां मुस्लिम स्टूडेंट्स की संख्या 80% से ज्यादा है। प्रिंसिपल ने आगे कहा कि स्कूल के स्थापना काल से ही इन स्कूलों में शुक्रवार को नमाज अदा करने के नाम पर अवकाश रहता है और रविवार को पढ़ाई होती है।

वहीं किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने कहा कि जिले के अल्पसंख्यक इलाके के स्कूलों में पुरानी परंपरा के अनुसार यह नियम लागू कर दिया गया है। इन स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी और रविवार को पढ़ाई कराई जा रही है। जबकि इस संबंध में कोई सरकारी आदेश भी नहीं दिए गए है।

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शिक्षा विभाग के डीपीओ शौकत अली का कहना है कि जिले में कोई अल्पसंख्यक स्कूल नहीं है, जिन स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी और रविवार को पढ़ाई होती है वो सभी सामान्य स्कूल हैं। वहीं किशनगंज के पूर्व विधायक रहे गोपाल अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा को जाति और धर्म से अलग रखना चाहिए। स्कूलों में छात्रों के धर्म और उनकी आस्था के आधार पर अन्य दिनों में छुट्टी रखने से शिक्षा-व्यवस्था चौपट होगी।

आपको बता दें, ऐसा मामला झारखंड के जामताड़ा जिले में भी देखने को मिला था। यहां के 100 से अधिक स्कूलों ने मुस्लिम बहुल होने के कारण स्कूलों की छुट्टी रविवार की जगह शुक्रवार कर दी थी। साथ ही स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द भी जोड़ दिया गया। ऐसा करने की वजह कुछ स्थानीय लोगों का दबाव बताया गया। जब ममाला सामने आया तो बाद में इनमें से कुछ स्कूलों ने साप्ताहिक छुट्टी रविवार को कर दी।

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