
CMIE Report: देश में रोजगार के अवसर घट रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि मार्च, 2025 में भारतीय श्रम बाजार सिकुड़ गया, जिससे 42 लाख लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। इनमें से कुछ लोगों की नौकरी चली गई है और कइयों ने रोजगार की तलाश बंद कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में देश का श्रम बल 45.77 करोड़ से 42 लाख घटकर मार्च में 45.35 करोड़ रह गया। यह नवंबर, 2024 के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। वहीं, रोजगार की संख्या भी फरवरी के 41.91 करोड़ से घटकर मार्च में 41.85 करोड़ रह गई। दिसंबर, 2024 के बाद से लगातार तीन महीनों तक रोजगार में गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च में बेरोजगारों की संख्या 3.86 करोड़ से घटकर 3.5 करोड़ रह गई। फरवरी की तुलना में मार्च में करीब 36 लाख कम लोग सक्रिय रूप से नौकरी तलाश कर रहे थे। ये 36 लाख लोग संभवत: रोजगार के अवसरों की कमी के चलते मार्च में श्रम बाजारों से बाहर निकल गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य तौर पर हर महीने बेरोजगारों की संख्या में करीब 10 लाख की शुद्ध वृद्धि होती है। मार्च, 2021 से मार्च, 2025 के दौरान हर महीने औसत शुद्ध वृद्धि 9.90 लाख थी। बेरोजगारों की संख्या में कमी आने के कारण बेरोजगारी दर फरवरी के 8.4 प्रतिशत की तुलना में मार्च में घटकर 7.7 प्रतिशत रह गई।
ऑफिस में काम करने वालों की भर्ती (वाइट कॉलर हायरिंग) के रुझान में भी मार्च, 2024 की तुलना में इस साल मार्च में 1.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है। इसका कारण खुदरा, तेल-गैस और शिक्षा क्षेत्रों में भर्ती में गिरावट है। नौकरी डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, होली और ईद की छुट्टियों के बावजूद वाइट कॉलर रोजगार बाजार मार्च में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग स्थिर रहा। हायरिंग में खुदरा क्षेत्र में 13 प्रतिशत, तेल-गैस में 10 प्रतिशत और शिक्षा क्षेत्र में 14 प्रतिशत घटी। आइटी क्षेत्र में भी मार्च में हायरिंग में 3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
Published on:
04 Apr 2025 09:36 am
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