राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना अपने पैर पसार रहा है। तीन दिन में रोजाना कोविड-19 की संक्रमण दर में इजाफा हुआ है। हालांकि ये इजाफा बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन चिंता बढ़ाने वाले संकेत जरूर हैं।
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मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को जांच के लिए भेजे गए 1.34 मामले कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं इससे पहले 17 फरवरी को 1.48 फीसदी मामले कोरोना संक्रमित मिले थे। यानी डेढ़ महीने बाद एक बार फिर राजधानी में कोरोना का खतरा मंडराना शुरू हो गया है। बता दें कि दो अप्रैल से ही दिल्ली सरकार ने कोरोना संबंधित पाबंदियों को हटाने के साथ ही मास्क को भी वैकल्पिक बना दिया है।
दिल्ली में कोरोना मामलों की बात करें तो सोमवार को कोविड-19 के 82 नए मामले सामने आए हैं। वहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम में संक्रमण दर 2.84 फीसदी है। गुरुग्राम में सोमवार को संक्रमण दर 2.84 फीसदी पर पहुंच गई।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने बीते 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 36 नए मरीजों की जिले में पहचान की। इसी के साथ कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 261052 हो गई है।
सरकार ने दी सलाह
दिल्ली सरकार ने भले ही अप्रैल की शुरुआत के साथ ही कोरोना संबंधी पाबंदियों को हटा दिया है, लेकिन सरकार ने ये सलाह भी दी है, कि कोरोना से बचाव का सबसे बड़ा जरिया वैक्सीनेसन और सावधानी है। ऐसे में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क जरूर लगा कर रखें।
दरअसल सरकार ने मास्क न लगाने पर जुर्माना हटा दिया है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका मतलब यह नहीं है कि भीड़भाड़ में मास्क न लगाएं। राजधानी में पिछले दो दिनों में कोरोना की संक्रमण दर फिर से बढ़ने के बाद तो कम से कम मास्क जरूर लगा कर रखें।
एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल के मुताबिक संक्रमण दर बढ़ने का मतलब यह नहीं है कि हाल में मास्क से अनिवार्यता हटाई गई है। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए। सरकार ने मास्क न पहनने पर जुर्माना हटाया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मास्क पहनने से मना कर दिया है।
18 वर्ष से ज्यादा वालों का वैक्सीनेशन पूरा
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की आबादी यानी 1.35 करोड़ लोगों को दोनों खुराक लग चुकी हैं। इसके अलावा पंजीकृत आबादी से भी ज्यादा लोगों को टीके की एक खुराक लग चुकी है।
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