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Deepawali 2021 : इस शुभ मुहूर्त पर करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा, ये है पूजन विधि

locationनई दिल्लीPublished: Nov 04, 2021 09:10:04 am

Submitted by:

Shaitan Prajapat

दीपावली या दिपाली हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व को हर साल कार्तिक की अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष 4 नवंबर, 2021 (गुरुवार) को मनाया जा रहा है। इस दिन मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और भगवान श्रीगणेश (Lord Ganesha) की पूजा करने का विधान है।

Deepawali 2021 Subh Muhurat: दीपावली या दिपाली हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व को हर साल कार्तिक की अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष 4 नवंबर, 2021 (गुरुवार) को मनाया जा रहा है। इस दिन मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और भगवान श्रीगणेश (Lord Ganesha) की पूजा करने का विधान है। पुराणों के अनुसार, दीपावली के दिन ही भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे। भगवान राम के आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने उनका दीप जलाकर स्वागत किया था।

पूजन के शुभ मुहूर्त (Diwali 2021 shubh muhurat)
दिवाली — 4 नवंबर, 2021, गुरुवार
अमावस्या तिथि प्रारम्भ — 04 नवंबर 2021 को प्रात: 06:03 बजे से।
अमावस्या तिथि समाप्त — 05 नवंबर 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक।
दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त — शाम 6:09 मिनट से रात्रि 8:20 मिनट।
समय अवधि— 1 घंटा और 55 मिनट
प्रातः 6:40 से 8:00 बजे तक शुभ की चौघड़िया
प्रात: 7:33 से 9:51 तक वृश्चिक लग्न (स्थिर लग्न)
9:51 बजे से 11:55 बजे तक धनु लग्न
11: 55 से 13:37 बजे तक मकर लग्न(अभिजित मुहूर्त)
15:05 बजे से 16: 30 बजे तक मीन लग्न


दिवाली पूजा सामग्री:—
— कड़ी की चौकी
— चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला कपड़ा
— देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां/चित्र
— कुमकुम
— चंदन
— हल्दी
— रोली
— अक्षत
— पान और सुपारी
— साबुत नारियल अपनी भूसी के साथ
— अगरबत्ती
— दीपक के लिए घी
— पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक
— कपास की बत्ती
— पंचामृत
— गंगाजल
— पुष्प
— फल
— कलश
— जल
— आम के पत्ते
— कपूर
— कलाव
— साबुत गेहूं के दाने
— दूर्वा घास
— जनेऊ
— धूप

 

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मां लक्ष्मी पूजन की विधि:—
दिवाली पर घर को स्वच्छ कर पूजा-स्थान को भी पवित्र कर लें एवं स्वयं भी स्नान आदि कर श्रद्धा-भक्तिपूर्वक शाम के समय शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी व भगवान श्रीगणेश की पूजा करें।
— लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें।
— कलश (चांदी/कांस्य का बर्तन) को अनाज के बीच में रखें।
— कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डाल दें।
— कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें।
— केंद्र में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
— एक छोटी थाली लें और चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें।
— सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा करें।
— इसके बाद देवी लक्ष्मी को तिलक करें और दीपक जलाए। फिर कलश पर भी तिलक लगाएं।
— भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं। इसके बाद नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें।
— थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।

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