सिसोदिया ने कहा कि नई नीति में दुकान बढ़ाने नहीं बल्कि पूरी दिल्ली में बराबरी पर दुकान बांटने का प्रस्ताव था। दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी से ही नई नीति बनाई गई थी।
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डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार ने एलजी के सुझाव मांगे थे। मई 2021 में लागू हुई नई आबकारी नीति से पुराने दुकानदारों को लाभ होता है। उन्होंने कहा कि जब दुकानों को खोलने की फाइल LG के पास गई तो अचानक उनका स्टैंड बदल गया।
दुकानों की बात पर एलजी ने फैसला ही बदल दिया, उन्होंने दावा किया कि LG ने 2 बार पढ़कर नई नीति को मंजूरी दी फिर किसके दबाव में उन्होंने अपना फैसला अचानक पलट दिया।
सिसोदिया ने कहा कि, एलजी ने बिना सरकार और कैबिनेट से चर्चा किए अपना निर्णय बदला। इसको लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी यानी CBI को जांच करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि अगर एलजी ऑफिस ने फैसला नहीं बदला होता तो सरकार को हजारों करोड़ों का नुकसान नहीं होता।
डिप्टी सीएम ने आरोप लगाया कि स्टैंड बदलने से अनअथराइज्ड एरिया में दुकाने नहीं खुलीं और कुछ ही जगहों पर शराब की दुकानें खुल पाई, जिससे सिर्फ कुछ ही लोगों को लाभ पहुंचा। यही वजह है कि इस पूरे मामले की इस एंगल से भी जांच होनी चाहिए।
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