
Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज और संजय सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर ऐलान किया कि 8 जनवरी, बुधवार को वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर मीडिया के साथ जाएंगे। वहां पर उन सभी सुविधाओं को खोजना उनका उद्देश्य होगा, जिनकी चर्चा हाल ही में की जा रही थी।
आम आदमी पार्टी के नेता यह भी दावा कर रहे हैं कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी आवास का भी दौरा करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्या सरकारी आवासों के उपयोग के मामले में कोई भेदभाव हो रहा है। इस कदम को आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा द्वारा की गई आरोपों का जवाब देने के रूप में देखा है, और वे दिल्ली के चुनावी माहौल में अपनी स्थिति को मजबूती से रखने का प्रयास कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए व्यंग्यात्मक तरीके से अपनी योजना साझा की। उन्होंने कहा कि बुधवार को वे मीडिया के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास, 6 फ्लैग स्टाफ रोड, जाएंगे। भारद्वाज ने कहा, हम वहां उन आलीशान सुविधाओं को ढूंढने की कोशिश करेंगे जिनकी चर्चा भाजपा ने की है। स्विमिंग पूल, सोने के कमोड और बार को देखने के लिए मीडिया को भी आमंत्रित किया गया है।
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि ये केवल चुनावी माहौल को भटकाने के प्रयास हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ ऐसे आरोपों का उद्देश्य केवल ध्यान हटाना है। आप ने इस मामले को जनता के सामने ले जाने और तथ्यों को सामने रखने की रणनीति अपनाई है। इस कदम से पार्टी भाजपा के आरोपों का मजाक बनाते हुए अपने समर्थकों के बीच सच्चाई को उजागर करने की कोशिश कर रही है।
रोहिणी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार को कहा कि मैं दिल्ली में लोगों से मिल रहा हूं और इस बार लोगों का एक ही कहना है कि बदलाव होगा। दिल्ली में जो हालात AAP ने पैदा किए हैं उसे लोग बदलना चाहते हैं और एक बार फिर दिल्ली में कमल खिलाना चाहते हैं। दिल्ली की सरकार ने रोहिणी के साथ सौतेला व्यवहार किया। सालाना 1000 करोड़ रुपये का बजट होने के बाद मुख्यमंत्री सड़क पुनर्निमाण योजना के तहत रोहिणी विधानसभा को बजट नहीं दिया गया। ये सरकार बदले की भावना से काम करती है। दिल्ली के लिए ऐसे लोग बहुत खतरनाक हैं और इन्हें हटाना चाहिए।
Published on:
08 Jan 2025 01:54 pm
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