
Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव की सभी 70 सीटों पर मतदान जोरों पर है। मतदाता सुबह से ही अपने-अपने मतदान केंद्रों पर कतार में लगे हुए हैं। हालांकि, इस बार चुनाव में एक दिलचस्प स्थिति सामने आई है। दिल्ली के कई प्रमुख उम्मीदवार न केवल खुद को वोट नहीं दे पाएंगे, बल्कि उनके परिवार के सदस्य भी उन्हें वोट नहीं दे सकेंगे। इसका कारण है कि ये उम्मीदवार जिस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, उनका और उनके परिवार के वोटर रजिस्ट्रेशन किसी अन्य सीट पर है।
कालकाजी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने मतदान किया, लेकिन वे खुद को वोट नहीं दे सके। उनके परिवार के सदस्य भी उन्हें वोट नहीं दे पाए क्योंकि उनका वोटर रजिस्ट्रेशन तुगलकाबाद सीट पर है, जबकि वे कालकाजी से चुनाव लड़ रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने तुगलकाबाद में मतदान किया।
कांग्रेस की ओर से कालकाजी सीट से चुनाव लड़ रहीं अलका लांबा भी खुद को वोट नहीं दे सकीं। इसका कारण है कि उनका वोट मादीपुर विधानसभा क्षेत्र में है। चूंकि वे कालकाजी से चुनाव लड़ रही हैं, इसलिए वे अपने नाम के सामने मतदान नहीं कर पाईं।
संगम विहार सीट से बीजेपी के प्रत्याशी चंदन कुमार चौधरी का मामला भी कुछ ऐसा ही है। उनका वोट देवली विधानसभा क्षेत्र में है, जबकि वे संगम विहार से चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए वे खुद को वोट नहीं दे सके।
संगम विहार से कांग्रेस के प्रत्याशी हर्ष चौधरी भी खुद को वोट नहीं दे पाए। उनका वोट तुगलकाबाद क्षेत्र में दर्ज है, जिससे वे अपने ही नाम के सामने वोट डालने से वंचित रह गए।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनका वोट नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में है। इस कारण वे भी अपने पक्ष में मतदान नहीं कर सके और किसी अन्य उम्मीदवार को वोट देना पड़ा।
मुस्तफाबाद सीट से बीजेपी के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट का वोट करावल नगर सीट पर है। ऐसे में वे भी अपने लिए वोट नहीं डाल पाए, उनके परिवार के सदस्य भी उन्हें वोट नहीं दे पाए
करोल बाग से बीजेपी के प्रत्याशी दुष्यंत गौतम का वोट कोंडली विधानसभा क्षेत्र में है। इस वजह से वे अपने लिए मतदान नहीं कर सके। उनके परिवार के सदस्य भी उन्हें वोट नहीं दे सकेंगे।
बीजेपी के चर्चित नेता कपिल मिश्रा करावल नगर से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनका वोट घोंडा विधानसभा क्षेत्र में है। इसी वजह से वे अपने नाम के सामने वोट डालने से चूक गए।
यह स्थिति बताती है कि भले ही उम्मीदवार चुनावी मैदान में हों, लेकिन अगर उनका वोटर रजिस्ट्रेशन अलग सीट पर है, तो वे खुद को वोट नहीं दे सकते। यह चुनाव प्रक्रिया का एक दिलचस्प पहलू है, जो मतदाताओं के लिए नई जानकारी हो सकती है।
राजनीति में कुछ भी संभव है, इसका उदाहरण 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार सोमनाथ भारती को वोट दिया था। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चांदनी चौक से कांग्रेस के उम्मीदवार जे.पी. अग्रवाल के पक्ष में मतदान किया। दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में कांग्रेस और आप आमने-सामने हैं, जिससे गठबंधन की रणनीति और आपसी समीकरणों पर सवाल उठ रहे हैं।
Updated on:
05 Feb 2025 01:09 pm
Published on:
05 Feb 2025 11:19 am
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