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E-commerce companies को फेक रिव्यू हटाना होगा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और स्पैम कॉल्स पर होगी सख्ती

E-commerce companies : उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार जल्द ही दो नए कदम उठाने की तैयारी में है। ग्राहकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और स्पैम कॉल्स पर सख्ती होगी।

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E-commerce companies : उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार जल्द ही दो नए कदम उठाने की तैयारी में है। एक तरफ सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर उत्पादों के फर्जी (फेक) रिव्यू पर सख्ती के मूड में है तो वहीं दूसरी तरफ ग्राहकों को अनचाहे और स्पैम कॉल्स से निजात दिलाने के लिए नई गाइडलाइंस तैयार कर चुकी है।

कमेंट एडिट या डिलीट नहीं कर पाएंगी कंपनियां

ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉम्र्स पर बिकने वाले उत्पादों की फर्जी रिव्यू पर पूरी तरह रोक लगेगी। अमेजन, फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसी तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों को जल्द ही अपनी वेबसाइट से फेक रिव्यू को हटाना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने ग्राहकों की ओर से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। ई-कॉमर्स कंपनियों व अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉम्र्स को ग्राहक के कमेंट को एडिट करने या डिलीट करने का विकल्प नहीं मिलेगा। कंपनियों को हिदायत दी जा रही है कि हर हाल में पोर्टल पर प्रोडक्ट से जुड़े वास्तविक रिव्यू होनी चाहिए। कंपनियां उपभोक्ताओं की तरफ से लिखी गई निगेटिव कमेंट या रिव्यू को हटा नहीं पाएंगी।

नियम तोड़ने पर होगी कड़ी कार्रवाई

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को सरकार के नए नियमों से होकर गुजरना होगा। जो कंपनियां इनका उल्लंघन करेंगी, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का प्रस्ताव किया है, ताकि इस तरह की फर्जी रिव्यू पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ताओं की वाजिब परेशानियों को समझने का मौका मिलेगा।

पोर्टल से हटाना पड़ सकता है घटिया सामान

अब तक कंपनियां अपनी तरफ से फर्जी रिव्यू पर लगाम लगाने में असफल रही हैं। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत उत्पादों को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के मानदंडो से होकर गुजरना पड़ेगा। ऐसे में खराब क्वॉलिटी वाले उत्पादों को पोर्टल से हटाने की नौबत भी आ सकती है।

मार्केटिंग कंपनी, एजेंसी और कॉलर सभी होंगे जिम्मेदार

सर लोन चाहिए… क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करना चाहेंगे… मेरा बैंक आपको पर्सनल लोन ऑफर कर रहा है… ऐसी ढेरों स्पैम कॉल्स आपके फोन पर भी आती होंगी। ऐसी अनचाही कॉल्स को रोकने के लिए कभी डीएनडी तो कभी दूसरी तमाम कोशिशें हो चुकी हैं, लेकिन इन कॉल्स का सिलसिला बदस्तूर जारी है। अनचाही कॉल्स की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार लंबे समय से इन पर लगाम लगाने के लिए काम कर रही है। अब सरकार ने इसके लिए नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस तैयार कर ली है। नई गाइडलाइंस में उन लोगों की जिम्मेदारी तय की जाएंगी, जो ऐसी बिजनेस कॉल्स करते हैं, जो ऐसी कॉल्स करने वालों के साथ जुड़े हुए हैं या जो इन कॉल्स के बेनिफिशियरी हैं और जिनके नाम पर ये अनचाही कॉल्स की गई है।

नंबर सीरीज का उल्लंघन पड़ेगा भारी

लोगों के पास कई अनवांटेड कॉल्स प्राइवेट नंबर्स से भी आते हैं, जिससे यह पता नहीं चलता कि ये फर्जी कॉल्स हैं या नहीं। नई गाइडलाइंस इस बात का भी प्रावधान किया जा रहा है कि ट्राइ की नंबर सीरीज के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई हो, क्योंकि ये कंज्यूमर की निजता और उसकी मंजूरी के नियमों के खिलाफ हैं। दूरसंचार विभाग ने 140ङ्गङ्गङ्ग सीरीज को टेलीमार्केटिंग कॉल्स और 160ङ्गङ्गङ्ग सीरीज को सर्विस कॉल्स के लिए अलॉट किया है। सरकार इसके अलावा भी कुछ नंबर सीरीज अलॉट करेगी। इन सीरीज से उलट अगर किसी और नंबर से मार्केटिंग कॉल आता है तो इसे अनचाही कॉल्स माना जाएगा और अनैतिक तरीके से कारोबार करने के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

डीएनडी होगा असरदार

डू नॉट डिस्टर्ब यानी डीएनडी को भी ज्यादा प्रभावी बनाने वाले कदमों का ऐलान होगा। मान लीजिए कोई टेलीमार्केटिंग नंबर रजिस्टर्ड है, लेकिन चूंकि कस्टमर ने ऐसी कमर्शियल कॉल्स के लिए डीएनडी का आवेदन किया हुआ है तो ऐसे कॉल को भी नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और कार्रवाई होगी। ऐसे कॉल्स के लिए कस्टमर से डिजिटल फॉर्म में मंजूरी लेनी होगी।

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