
भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पांच उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया है। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन सी. ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि इन उम्मीदवारों ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 78 के अनुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर आयोग को अपने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया है। इससे वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10 ए के तहत अगले तीन साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए हैं।
पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी सिबिन सी. ने बताया कि इन पांच उम्मीदवारों - संगरूर जिले से तीन और मानसा और फरीदकोट जिलों से एक-एक उम्मीदवार को चुनाव आयोग द्वारा जारी आदेश के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। शक्ति कुमार गुप्ता और जसविंदर सिंह ने धुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। सनमुख सिंह मोखा ने सुनाम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इसी तरह फरीदकोट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले गुरुचरण सिंह संघा को अयोग्य घोषित किया गया। सुनाम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले मानसा जिले के निवासी हरभगवान शर्मा भीखी को भी चुनाव आयोग ने अगले तीन साल के लिए अयोग्य घोषित किया है।
चुनाव आयोग के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 78 के तहत प्रत्येक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को परिणाम घोषित होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) के पास अपने चुनाव खर्च का लेखा-जोखा जमा करना होगा। अगस्त में चुनाव आयोग ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के छह उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया। उन्होंने 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, क्योंकि वे अभियान के दौरान किए गए खर्च को जमा करने में विफल रहे थे। चूंकि उन्होंने निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर चुनाव आयोग को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 78 के अनुसार अपना चुनाव खर्च जमा नहीं किया था, इसलिए उन्हें अधिनियम की धारा 10 ए के तहत अगले तीन वर्षों के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना गया था।
Updated on:
16 Oct 2024 02:03 pm
Published on:
16 Oct 2024 12:16 pm
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