कश्मीर में जी-20 की बैठक से इन देशों को हो रही परेशानी
कश्मीर में हो रही जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक को लेकर भारत के पड़ोंसी मुल्क पाकिस्तान और चीन सहित 5 अन्य देशों को परेशानी हो रही है। श्रीनगर में होने वाली बैठक का पहले पाकिस्तान ने विरोध किया। फिर चीन, तुर्की और सऊदी अरब ने इस सम्मेलन में शामिल होने से मना कर दिया। मिस्र को विशेष अतिथि के तौर पर आंमत्रित किया गया, वह नहीं आया है।
चीन ने कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र क़रार देते हुए श्रीनगर में होने वाली बैठक का बायकॉट कर दिया। वहीं, सऊदी अरब और तुर्की की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन दोनों ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया।
बिलावल भुट्टो ने उगला जहर
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी इस आयोजन से बुरी तरह बौखलाए हुए हैं। वे इस बैठक के खिलाफ विलाप करने के लिए पीओके पहुंच गए। बिलावल ने वहां पर भारत के खिलाफ खूब जहर उगला। बौखलाए बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत सम्मेलन के जरिए कश्मीरियों की आवाज नहीं दबा सकता है। लेकिन उनकी बात को कोई नहीं सुन रहा है।
इसके उलट, वहां के लोगों ने बिलावल की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसने पूरी उम्र इंग्लैंड में बिताई है। वह हमारे मुद्दों को कैसे उठाएंगे। भारत से पाकिस्तान की कोई बराबरी नहीं है। भारत आज दुनियाभर में अपनी ताकत दिखा रहा है और सभी शक्तिशाली देश उसके साथ हैं। वहीं, पाकिस्तान गुलामी की ओर बढ़ रहा है।
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अवाम ने ही दे डाली पाकिस्तानी हुक्मरानों को नसीहत
बिलावल को पाकिस्तान की अवाम ने ही आइना दिखा दिया। पाकिस्तानी मीडिया ने वहां के लोगों से श्रीनगर में हो रही जी-20 की बैठक के विरोध पर उनकी राय पूछी। आवाम का जवाब सुनकर पाकिस्तान के हुक्मरान भी हैरान रह गए।
वहां की जनता ने कहा कि भारत के कश्मीर को देखें तो पता चलता है कि वहां पर कितनी तरक्की हो रही है। भारत सरकार वहां किस तरह के प्रोजेक्ट लगा रहा है। इसकी तुलना में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को देखें तो हमें पता चलता है कि हमने कुछ नहीं किया। पाकिस्तानी आवाम ने हुक्मरानों को नसीहत दी कि हमें कश्मीर की जिद छोड़ देनी चाहिए।
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जी-20 बैठक के जरिए दुनिया को संदेश
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म का दिया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। मोदी सरकार ने इसे दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया। भारत सरकार श्रीनगर में जी-20 की बैठक के ज़रिए दुनिया को यह संदेश देने में कामयाब रही है कि वहां सब कुछ सामान्य है।